मुंबई (द स्टैलर न्यूज़)। ड्रग्स पार्टी केस में सोमवार को कोर्ट में दो एफिडेविट फाइल किए गए, जिस पर सेशन कोर्ट ने सुनवाई की। एक एफिडेविट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने फाइल किया, जबकि दूसरा एफिडेविट एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने दाखिल किया। इस बीच समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई है और एनसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप की विजिलेंस जांच शुरू कर दी है। गवाह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विजिलेंस टीम ने समीर वानखेड़े की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। मुंबई कार्यालय से दिल्ली मुख्यालय ने एनसीबी पर लगे आरोपों की पूरी रिपोर्ट तलब की है। बताया जा रहा है कि एनसीबी के चीफ विजिलेंस अफसर ज्ञानेश्वर सिंह इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं।
बता दें कि ड्रग्स के मामले में एनसीबी के आरोपों में घिरे आर्यन खान के केस में कल एक नया मोड़ आया था। ड्रग्स केस में ‘वसूली कनेक्शन’ का दावा किया जा रहा है और दावा करने वाला वो शख्स है, जिसे एनसीबी ने गवाह बनाया था। प्रभाकर साईल इस शख्स का आरोप है कि एनसीबी ने उससे खाली पेपर पर दस्तखत करवाया और आर्यन की रिहाई के लिए 18 करोड़ में डील हुई। समीर वानखेड़े ने आरोपों से इनकार किया है।