नेत्रदान मुहिम को जनआंदोलन बनाना मानवता की सच्ची सेवा: डा. परमिंदर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोटरी आई बैंक एवं कार्नियल ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी के पदाधिकारियों ने प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में सिविल सर्जन डा. परमिंदर कौर से भेंट की और उन्हें नेत्रदान मुहिम की जानकारी प्रदान की। इस मौके पर पदाधिकारियों ने सिविल सर्जन को पुष्प गुच्छ भेंट करके स्वागत किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन को नेत्रदान मुहिम एवं सोसायटी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रधान संजीव अरोड़ा ने बताया कि 1997 में इस मुहिम की शुरुआत संस्थापक जेबी बहल द्वारा की गई थी। इस मुहिम में इनके अलावा इनकी धर्मपत्नी मीना बहल का भी बहुत योगदान रहा है। क्योंकि, शुरुआती दिनों में जब भी आंखें दान ली जाती थी तो आंखें दान लेने दौरान प्रयोग की जाने वाली किट को वही तैयार करती थीं।

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अरोड़ा ने बताया कि सोसायटी द्वारा आंखों के माहिर डा. बलविंदरजीत की मदद से पहले पांच सालों में 345 आंखें दान ली गईं और कार्नियल ब्लाइंडनैस लोगों को लगाई गईं व अब यह मुहिम एक आंदोलन का रुप ले चुकी है। इस मौके पर जेबी बहल ने बताया कि मुहिम को आगे बढ़ाने दौरान आर्थिक तंगी के बावजूद सोसायटी द्वारा मानव सेवी कार्य को जारी रखा गया। पंजाब को कार्नियल ब्लाइंडनैस फ्री प्रदेश बनाने में पंजाब स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी सहयोग किया गया। अरोड़ा ने बताया कि इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सोनालीका ग्रुप ऑफ कंपनी, रयात बाहरा, संजीव खन्ना (एनआरआई) एवं रोहताश जैन द्वारा सराहनीय सहयोग दिया जा रहा है। इतना ही नहीं पंजाब की मुख्य सचिव व तत्कालीन सचिव स्वास्थ्य विभाग मैडम विन्नी महाजन द्वारा दिए गए सहयोग ने सोसायटी में नई ऊर्जा भरी एवं मौजूदा समय में सोसायटी का आई बैंक हैदराबाद के डा. शरॉफ, आई बैंक राजस्थान, करनाल, डीएमसी लुधियाना एवं आई सैंटर पटियाला के साथ टाई-अप है।

बहल ने सिविल सर्जन को जानकारी दी कि नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ सोसायटी द्वारा मरणोपरांत शरीर दान करने हेतु भी प्रेरित किया जाता है ताकि दान किए गए शरीर साइंस विद्यार्थियों के लिए रिसर्च के काम आ सकें। उन्होंने बताया कि इस कार्य में एसएमओ गढ़शंकर डा. तरसेम सराहनीय योगदान दे रहे हैं व सोसायटी की बॉडी डोनेशन सैल के चेयरमैन के तौर पर सेवाएं निभा रहे हैं। सोसायटी के प्रयासों से केन्द्र सरकार द्वारा भी कार्नियल ब्लाइंडनैस को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं तथा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के फार्म पर नेत्रदान किए जाने संबंधी कॉलम जोड़ा गया है व राज्यसभा में इसे स्वीकृति दी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि अब तक 3500 लोगों को आंखें लगाई जा चुकी हैं तथा पंजाब के अलावा हिमाचल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व अन्य राज्यों के कार्नियल ब्लाइंडनैस लोगों को भी आंखें लगाई जाती हैं। सोसायटी के कार्यों की जानकारी हासिल करने उपरांत सिविल सर्जन डा. परमिंदर कौर ने उन्हें आश्वस्त किया कि विभाग की तरफ से उन्हें पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोसायटी को जहां भी विभाग की सेवाओं की जरुरत होगी, वहां पर विभाग की टीम उपलब्ध करवाई जाएगी। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन पवन कुमार, सोसायटी के सचिव प्रिं. डीके शर्मा, विजय अरोड़ा, अमित नागपाल आदि मौजूद थे ।

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