नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। प्राइवेट बैंक ने शनिवार को यह स्वीकार किया कि मई महीने में उसने बिना ग्राहकों की मंजूरी लिए 84,000 लोन डिस्बर्स कर दिए थे। इसके साथ ही बैंक की ओर से कहा गया है कि यह मानवीय गलती नहीं बल्कि तकनीकी खामी की वजह से हुआ था। बैंक ने व्हिसलब्लोअर के दावे को पूरी तरह से आधारहीन बताया है।
इंडसइंड बैंक ने इस मामले में सफाई देते हुए बताया कि पिछले दो दिनों में फील्ड स्टाफ ने पूरी जांच के बाद जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार बैंक ने बिना ग्राहकों की सहमती के कर्ज बांट दिए थे। यह सब तकनीकी गलती के चलते हुआ था और अब इस खामी को तेजी से ठीक कर रहे हैं। गौरतलब है कि 5 नवंबर को खबरें आई थीं कि किसी गुमनाम व्हिसलब्लोअर ने बैंक मैनेजमेंट और आरबीआई को ये जानकारी दी थी कि बैंक ने बिना ग्राहकों की सहमति के सदाबहार लोन बांट दिए हैं। उसने दावा किया था कि बैंक के मौजूदा ग्राहक जो लोन नहीं चुका पाए हैं उन्हें भी बैंक की ओर से नए लोन बांटे जा रहे हैं। अब इंडसइंड बैंक ने इस मामले में आधिकारिक बयान जारी कर दिया है। इसमें व्हिसलब्लोअर के सदाबहार लोन बांटने के आरोपों को आधारहीन बताया है।
बिना मंजूरी के 84,000 ग्राहकों को लोन बांटने वाले बैंक ने दी सफाई, ये तकनीकी गलती थी
Advertisements