दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हिंदू धर्म में वैसे तो सदैव ही गौ माता की पूजा का विधान बताया गया है लेकिन कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। स्वामी कृष्णानंद जी ने कहा इस दिन खासतौर पर गौ माता की पूजा और सेवा करने का विधान है। इस बार गोपाष्टमी 11 नवंबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन सर्वप्रथम भगवान कृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था। इस दिन गौ माता के साथ बछड़े का पूजन भी किया जाना चाहिए। सनातन धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है।
इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन जिला योजना बोर्ड जवाहर खुराना ने कहा शास्त्रों के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि यदि गोपाष्टमी के दिन विधि-विधान से गाय का पूजन व सेवा की जाए तो देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गाय की पूजा करने से श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और शांति का वास होता है। गोपाष्टमी के दिन गौ माता व गिरधर की पूजा करने के साथ ही कथा भी पढ़नी चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।