होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब में कांग्रेस की चन्नी सरकार द्वारा पहले सदन की मर्यादा के विपरीत लाल किला हिंसा कांड की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाई गई, जिसका गठन अभी तक सवालों के घेरे में है, क्योंकि इस कमेटी में भाजपा का भी एक सदस्य नहीं लिया गया। उस कमेटी का यह कहना कि लाल किला परिसर में दिल्ली पुलिस व केंद्र सरकार की मिलीभगत से किसानों को गुमराह करके भेजा गया तथा तथ्यों से बाहर व गले से नीचे न उतरने वाली बात है। इतना बड़ा आंदोलन चला रहे किसान संगठनों के द्वारा कही यह बात किसी भी तरह जचती नहीं। एक सुनियोजित साजिश के तहत कमेटी बनाकर कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए लाल किला हिंसा के उपद्रवियों के हक़ में अपनी मजऱ्ी की रिपोर्ट तैयार करवा कर देशद्रोही अनसरों को किसानों की सहायता के नाम पर दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा जो चन्नी सरकार ने की है। वह एक गलत परम्परा की शुरुआत है। इससे पहले भी लखीमपुर में भी किसानों के नाम पर उपद्रव करने वाले व मॉब लॉन्चिग करने वालों को 50-50 लाख रुपए बांट दिए गए।
उन्होंने कहा कि जनता सवाल कर रही है कि लोगो के खून पसीने की गाढ़ी कमाई जो सरकार को दी गई। इस कमाई का अधिकार कौन से कानून के अंतर्गत मुख्यमंत्री चन्नी को मिला है कि मनमजऱ्ी से सरकारी पैसों को रेवडिय़ों की तरह बांट दें, जबकि कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल है और विकास कार्य ठप्प पड़े हैं।
देशद्रोही अनसरों को 2-2 लाख का इनाम देकर चन्नी सरकार ने गलत परम्परा शुरू की: तीक्ष्ण सूद
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