ऐतिहासिक शालीमार बाग के शौचालय की हालत खस्ता: मंजू राणा

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। एक ओर पूरे देशभर में स्वच्छता मिशन चलाया जा रहा है लेकिन विरासती शहर के ऐतिहासिक शालीमार बाग के शौचालय की दुर्दशा इस अभियान की पोल खोल रही हैं। प्रशासन व नगर निगम द्वारा शहर में स्वच्छता बनाए रखने के दावे तो किए जाते हैं लेकिन अगर शहर के शौचालयों पर नजर डाली जाए तो उनमें गंदगी का आलम रहता है, जिससे लोगों को सांस रोककर या फिर नाक बंद कर शौचालय में जाना पड़ता है। यही नहीं शौचालयों की सीटों में न तो डाऊन पाइप हैं और न ही वहां नियमित रूप से सफाई की जाती है। हालांकि इस ओर कई मर्तबा नगर निगम के ध्यान में भी लाया गया लेकिन शौचालयों की दुर्दशा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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शालीमार बाग का बुरा हाल, नगर निगम सो रहा कुंभकरणी नींद: इंडियन/कपूर
आम आदमी पार्टी की हलका इंचार्ज मैडम मंजू राणा, जिला प्रधान गुरपाल सिंह इंडियन, सीनियर नेता गुरशरण सिंह कपूर ने गुरुवार को विरासती शहर के ऐतिहासिक शालीमार बाग का दौरा किया और शालीमार बाग की दयनीय हालत पर नगर निगम को जमकर कोसा। उपरोक्त नेताओं ने कहा कि विरासती शहर का ऐतिहासिक शालीमार बाग जिला प्रशासन व नगर निगम की उदासीनता के चलते बदहाल स्थिति में है। लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए फव्वारे बंद पड़े हैं। शालीमार बाग जो अक्सर रंग-बिरंगे फूलों और हरियाली से भरा रहता था, वह अब वीरान हुआ पड़ा है। बच्चों के लिए लगाए झूले व अन्य सामान भी टूट चुका है। उपरोक्त नेताओं कहा कि अखबारों की सुर्खियां बटोरने के लिए शहर में जोरशोर से करवाए जा रहे विकास कार्यों का ढिंढोरा पीटने वाले हलका विधायक राणा गुरजीत सिंह और उनके कांग्रेसी पार्षद जनता को जरा यह बताने की कोशिश करेंगे कि शहर में कहां पर और किस का क्या हो रहा है। उपरोक्त नेताओं ने कहा कि सफाई नहीं होने की वजह से शालीमार बाग की सुंदरता पर ग्रहण लग गया है। गंदगी की वजह से बाग में सुबह और शाम के समय सैर करने के लिए आने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। उपरोक्त नेताओ ने कहा कि महाराजा कपूरथला के शासनकाल के दौरान इस बाग की सुदरंता के चर्चे दूर-दूर तक हुआ करते थे, लेकिन नगर निगम ने बाग पर ध्यान देना ही छोड़ दिया है, जबकि शालीमार बाग परिसर में ही नगर निगम का कार्यालय भी स्थित है और यहां पर रोजाना कौंसिल के अधिकार व मेयर भी आते हैं। फिर भी इसकी दशा पर किसी को तरश नहीं आती है। इससे यहां पर रोजाना सैर करने आने वाले लोगों को बहुत कष्ट है। उपरोक्त नेताओं ने कहा कि शालीमार बाग शहर की शान है, शहर को चार चांद लगाता है, लेकिन हलका विधायक व नगर निगम प्रशासन ने इसकी सुंदरता बनाए रखने के प्रति कभी भी ध्यान नहीं दिया। इस तरह का बाग किसी और जिले में देखने को नहीं मिलता है। शहरवासियों को इस पर बहुत गर्व था जोकि अब खत्म होता जा रहा है। बाग में लगे फव्वारे बंद पड़े हैं और पौधे भी सूख रहे हैं। जिसे देखने के बाद भी नगर निगम कुंभकरणी नीद में सो रहा है।

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