होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद की तरफ से प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में नेत्रदान जागरुकता अभियान के तहत युवाओं को इसके प्रति जागरुक किया गया। इस मौकेपर युवाओं को संबोधित करते हुए संजीव अरोड़ा ने कहा कि मरणोपरांत मानव शरीर में आंखें ही एक ऐसा अंग हैं जो करीब 6 से 8 घंटे तक जीवित रहती हैं। जब मरणोपरांत व्यक्ति का संस्कार किया जाता है तो आंखें, जोकि किसी नेत्रहीन के काम आ सकती हैं, वे भी आग्नि में जलकर राख बन जाती हैं। जबकि अगर इन्हें दाम किया जाए तो दो अंधेरी जिंदगियों में रोशनी भरी जा सकती है तथा इससे मृतक की देह को कोई नुकसान नहीं होता व 15 से 20 मिनट की प्रक्रिया से आंखें दान ली जाती हैं। अरोड़ा ने युवाओं को जागरुक किया कि यही एक मात्र दान ऐसा है जो मरणोपरांत करना होता है व आंखें दान करने वाले ये दो अनमोल अंग धरती से जाने के बाद भी दुनियां देखते रहते हैं।
इसलिए हमें जहां नेत्रदान प्रणपत्र भरने के लिए आगे आना चाहिए वहीं दूसरों को भी इसके प्रति प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर सचिव राजिंदर मोदगिल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा वर्ग इस अभियान के साथ जुडक़र इसे लोकलहर बनाने में अपनी अहम भूमिका अदाकर रहे हैं तथा उन्हें खुशी है कि इस बात से प्रभावित होकर और भी युवा संस्था के साथ जुड़ रहे हैं। इस मौके पर हरमनजीत कौर ढिल्लो, तुषार मक्कड़, गुरप्रीत कौर, कुनिका मक्कड़, सुयांश मरवाहा, पुनीत मरवाहा, शिवम कुमरा व कार्तिक कुमार आदि ने नेत्रदान प्रणपत्र भरे और कहा कि जल्द ही वह अपने साथियों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर कैंप का आयोजन कवाएंगे ताकि युवा वर्ग को इसके प्रति और भी जागरुक किया जा सके। इस अवसर पर अन्य के अलावा विशेष तौर से पंडित ओंकार नाथ शर्मा, राजिंदर मोदगिल, विनजय अरोड़ा, एनके गुप्ता, अमित नागपाल, रविंदर भाटिया, तरसेम मोदगिल, कुलवंत सिंह पसरीचा, कुलविंदर सिंह, राज कुमार आदि मौजूद थे।