होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। केन्द्र सरकार हो या प्रदेश सरकार दोनों ही सरकारें अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं तथा जो कार्य सरकारों को करने चाहिए वे चंद बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके माध्यम से करवा रही हैं। जिसके चलते जनता का आर्थिक व सामाजिक शोषण बढ़ रही है। देश में 70 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सडक़ों का ठेका प्राइवेट कंपनियों को देने का केन्द्र सरकार का फैसला लोकतंत्र एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जिसे किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता।
उक्त शब्द टोल प्लाजा विरोधी संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव संदीप सैनी ने इस संबंधी आयोजित एक बैठक में कहे। संदीप सैनी ने बताया कि हाल ही में एक समाचार अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा देश में सडक़ों के विकास के लिए 70 हजार करोड़ रुपये के ठेके प्राइवेट कंपनियों को दिए जा रहे हैं, जोकि आम जनता के साथ धक्का है। जो काम सरकार की जिम्मेदारी हैं वो उसे प्राइवेट कंपनियों से करवाकर कंपनियों को जनता का आर्थिक शोषण करने का अधिकार दे रही है। इसके अलावा आए दिन टोल प्लाजाओं पर पर्ची के रेट बढ़ाकर भी लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। संदीप सैनी ने कहा कि पंजाब में जब कांग्रेस सरकार थी तो कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब के दोआबा रीजन की लगभग समस्त सडक़ें टोल प्लाजा कंपनी को ठेके पर दे दी थी। जिनका दंश आजतक लोग भुगत रहे हैं।
संदीप सैनी ने कहा कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि जनता की इस समस्या को दूर करवाने के स्थान पर अपने चहेतों को तो टोल प्लाजा मुफ्त में पार करवा देते हैं, परन्तु जनता की बारी उनकी जुबान पर ताला लग जाता है। ऐसे में जनता को चाहिए कि वे अपने प्रतिनिधियों से इस संबंधी जवाब तलब करें और प्रतिनिधियों को जनता की कचहरी में बुलाकर इस जजिये का कारण पूछें।
संदीप सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार और पंजाब सरकार नए टोल प्लाजा लगाने से पहले जो पहले टोल प्लाजा लगे हुए हैं उनका आडिट करवाकर जनता को बताया जाए कि उन्होंने कितनी राशि सडक़प र खर्च की और कितनी कमाई वो कर चुके हैं ताकि जनता भी जान सके कि उनका शोषण करने वाले कितने मालामाल हो रहे हैं। इसके साथ ही टोल प्लाजाओं पर रेट बढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया जाए तथा लाडोवाली टोल प्लाजा पर जो रेट बढ़ाए गए हैं उन्हें रद्द किया जाए।