जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। कभी समृद्धि का प्रतीक रहे पंजाब की आर्थिक स्थिति 2 परिवारों की गलत नीतियों के कारण ‘वेंटिलेटर’ पर है और अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। पिछले कई दशकों में दिल्ली में बैठे गांधी परिवार और पंजाब में बादल परिवार की मनमानी नीतियों के कारण देश का सबसे पिछड़ा और कर्जदार राज्य भारतीय जनता पार्टी की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और भाजपा के पंजाब चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह बातें भाजपा के राज्य चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत दौरान कही। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की अतुलनीय शहादत का दिन है, जो हमें अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हर बलिदान करने के लिए प्रेरित करता है। साहिबजादों के शहादत तथा शहीद उधम सिंह के जन्म-दिवस के अवसर पर, भाजपा के प्रदेश चुनाव कार्यालय का उद्घाटन इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 1981 में पंजाब समृद्धि का रोल मॉडल था, जो जीडीपी में सबसे आगे था। लेकिन उपरोक्त गांधी और बादल परिवारों के संकीर्ण पारिवारिक हितों के कारण, जो पंजाब की सत्ता में रहे, जिस पंजाब में अपार संभावनाओं थीं, वह राज्य 2001 में चौथे स्थान पर और 2021 तक देश में सबसे निचले स्थान पर आ गया है। पंजाब की स्थिति इतनी विकट और चिंताजनक हो गई है कि आज पंजाब 4 लाख करोड़ रुपए का कर्जदार है और उसके कुल राजस्व का एक तिहाई हिस्सा अकेले इसके ब्याज भुगतान में चला जाता है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने चुनाव से ठीक पहले पंजाब में बेअदबीयों का दौर शुरू होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस, अकाली और आम आदमी पार्टी, जो अपनी मुफ्त सुविधाओं का दिखावा कर रही हैं, उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि राज्य की जनता जो कर्ज में डूबी है ऐसे लोगों को मुफ्त सुविधाएं देने के लिए बजट कहां से लाएंगे? क्या कुछ नए कर लगाए जाएंगे? यह तो एक जेब से निकालकर दूसरी जेब में डालने वाली बात होगी और इससे कुछ वर्गों पर दोहरा बोझ पड़ जाएगा।
शेखावत ने कहा कि पंजाब के लोग अकाली और कांग्रेस सरकारों की जन-विरोधी नीतियों से परेशान हैं और नए विकल्प तलाश रहे हैं। केजरीवाल के दिल्ली विकास मॉडल के पोल खोलते हुए शेखावत ने कहा कि केजरीवाल अब झूठे सपने दिखाकर पंजाब में सत्ता हथियाना चाहते हैं, जो दिल्ली नगर निगम के 13,000 करोड़ रुपए के फंड को रोककर विकास में बाधक बने हुए हैं। जबकि सिर्फ किसान हित्तों के बड़ी-बड़ी बातें करने वाले किसान संगठनों द्वारा यू-टर्न लेकर चुनाव में कूदना भी उनके ढोल की पोल खोलने के लिए काफी है। इसके साथ ही पंजाब की बदत्तर हो चुकी कानून-व्यवस्था, खनन माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया और सांप्रदायिक सौहार्द के सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए इनमें से किसी भी दल की कोई नीति नहीं है। इसलिए पंजाब की जनता ने पंजाब की सत्ता भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार को सौंपने का मन बना लिया है।