मंतव्य का मकसद नौकरियाँ, विदेशों में रोज़गार और पढ़ाई, कौशल प्रशिक्षण, स्वै-रोज़गार और मुकाबले की परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा को यकीनी बनाना

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। केंद्रित और नतीजामुखी पहुँच अपनाने के मंतव्य से पंजाब मंत्रीमंडल ने आज ‘पंजाब सरकार ने युवाओं के लिए रोज़गार गारंटी स्कीम (प्रगति) 2022’ को मंजूरी दे दी है। इस सम्बन्धी फ़ैसला आज शाम यहाँ पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार रोज़गार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से तैयार की गई इस स्कीम का मकसद नौकरियाँ, निजी क्षेत्र की नौकरियाँ, विदेशों में रोज़गार, विदेशों में पढ़ाई, कौशल प्रशिक्षण समेत कौशल प्रशिक्षण, स्व-रोज़गार, उद्यम और उद्यमियों के विकास, मुकाबले की परीक्षाओं के लिए कौंसलिंग और कोचिंग समेत गारंटीशुदा रोज़गार यकीनी बनाना है।
राज्य स्तर पर ‘प्रगति’ को रोज़गार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से पंजाब कौशल विकास मिशन, पंजाब घर-घर रोज़गार और कोरोबार मिशन, सी-पाइट, माई भागों आर्मिड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट और महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के द्वारा लागू किया जायेगा। इस के इलावा प्रभावशाली ढंग से सेवाएं प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए ज़िला स्तर पर प्रगति को सम्बन्धित डिप्टी कमिशनर के समूचे नियंत्रण और निगरानी अधीन ज़िला रोज़गार और उद्यम ब्यूरो (डीबीईई) द्वारा लागू किया जायेगा। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब में बड़ी संख्या युवा ऐसे हैं जो अलग-अलग कारणों से रोज़गार प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। कई बार ऐसे युवाओं को रोज़गार के मौकों संबंधी जानकारी नहीं होती या कई बार उनके पास अपेक्षित सलाह और मार्गदर्शन नहीं होता। बेरोज़गारी के मुद्दे का हल ढूँढने और स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते और बेरोज़गार युवाओं को तुरंत मुहैया करवाई जा सकने वाली संभावित सुविधाओं के प्रति सरकार की वचनबद्धता के लिए, मौजूदा योजना ‘प्रगति-2022’ तैयार की गई है जिससे राज्य के बेरोज़गार युवाओं को लाभदायक रोज़गार प्राप्त करने में मदद करने के लिए संभव सुविधा मुहैया करवायी जा सके। नागरिकों को उनकी रिहायश के आसपास के निर्विघ्न ढंग से नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रीमंडल ने बरनाला जिले में सब -तहसील महल कलाँ और गुरदासपुर जिले में फतेहगढ़ चूड़ियाँ को तहसीलों /उप-डिवीज़नों के तौर पर अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। नयी अपग्रेड की गई तहसील /सब -डिविज़न महल कलां में दो कानूनगो सर्कल, 19 पटवार सर्कल और 27 गाँव होंगे जबकि फतेहगढ़ चूड़ियां में दो कानूनगो सर्कल, 20 पटवार सर्कल और 62 गाँव होंगे। मिड डे मील स्कीम के सुचारू और प्रभावी कामकाज को यकीनी बनाने के लिए मंत्रीमंडल ने मिड डे मील स्कीम (60ः40) के अधीन काम कर रहे मौजूदा मिड डे मील वर्करों (कुक-कम -हैल्पर) का मेहनताना एक साल में 12 महीनों के लिए 2200 रुपए से बढ़ा कर 3000 रुपए प्रति महीना करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम का मकसद मिड डे मील प्रोग्राम के अंतर्गत ऐसे कामगारों के मेहनतानों में विस्तार करके उनको वित्तीय राहत प्रदान करना है जिससे यह कर्मचारी अपनी ड्यूटियां और कुशलता से निभा सकें।
ज़िक्रयोग्य है कि स्कीम के अधीन इस समय 42,205 कर्मचारी हैं जिनको 2200 रुपए प्रति महीना वेतन दिया जा रहा है। उक्त कामगारों को छुट्टियाँ काटने के बाद साल में सिर्फ़ 10 महीनों के लिए निर्धारित मेहनताना का भुगतान किया जाता है। बताने योग्य है कि केंद्र सरकार ने ऐसे कामगारों का वेतन 1000 रुपए प्रति महीना तय किया है और केंद्र सरकार इस तय रकम के आधार पर अपने 60 प्रतिशत हिस्से की अदायगी करती है। दूसरे शब्दों में, केंद्र सरकार साल में 10 महीनों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति महीना सिर्फ़ 600 रुपए का योगदान डालती है। हालाँकि इन मज़दूरों की तंगी को देखते हुये राज्य सरकार पहले ही 2200 रुपए प्रति महीना वेतन दे रही है। इस तरह ऐसे कामगारों को केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित राशि से अधिक राज्य सरकार की तरफ से 1200 रुपए प्रति महीना अदा किये जा रहे हैं। यदि सभी 42,205 कुक वर्करों को साल के 12 महीनों के लिए 3000 रुपए प्रति महीना वेतन देने का प्रस्ताव है तो साल के 10 महीनों के लिए प्रति महीना 3.376 करोड़ रुपए और दो महीनों के लिए 25.32 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसलिए सरकारी खजाने पर कुल मिला कर 59.08 करोड़ रुपए का सालाना अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
बातचीत/आपसी सहमति के द्वारा ज़मीन की प्राप्ति सम्बन्धी एक और महत्वपूर्ण फ़ैसले में मंत्रीमंडल ने 18 मई, 2016 की अधिसूचना के पैरा नं. 2में ’दी राइट टू फेयर कम्पन्नशेशन एंड ट्रांसपरैंसी इन लैंड ऐकूजीशन, रीहैबीलीटेशन एंड रीसैटलमैंट एक्ट, 2013 की धारा 28 को शामिल करने की हद तक संशोधन करने को मंजूरी दे दी है जिससे ज़मीन मालिकों को उचित राहत मिल सके। मंत्रीमंडल ने रूपनगर जिले की तहसील चमकौर साहिब के सुरतापुर फार्म (गाँव वड्डा सुरतापुर, छोटा सुरतापुर, घड़ीसपुर, रामगढ़, टप्परियां बूथगढ़) में अनुसूचित जातियों से सम्बन्धित अनाधिकृत कब्जाधारकों को पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त कारपोरेशन (पी.ऐस.सी.ऐल.डी.ऐफ.सी.) से सम्बन्धित ज़मीन की अलाटमैंट के लिए नीति को भी मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले से गरीब भूमि रहित, छोटे और सीमांत अनुसूचित जाति के किसानों को लाभ होगा जो 10 सालों से अधिक समय से कारपोरेशन की ज़मीनों पर काश्त कर रहे हैं (गिरदावरी उनके नाम पर होनी है) और अपनी ज़मीनों की वाजिब कीमत प्राप्त करने के लिए निगम के हितों की रक्षा की जायेगी जो कि इस समय नाजायज कब्ज़े अधीन है। ज़िक्रयोग्य है कि निगम की तरफ से ज़मीन खाली करवाने के लिए पब्लिक परिसिज़ (अनाधिकृत कब्जाधारकों की बेदख़ली) एक्ट, 1971 के अंतर्गत 60 अदालती केस दर्ज हैं। म्ांत्रीमंडल ने साल 2020-21 के लिए नागरिक उड्डयन विभाग की 57वीं सालाना प्रशासिनक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है।

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