डिप्टी कमिशनर ने प्रशासन की तरफ से खर्च की निगरानी के लिए किये गए प्रबंधों के बारे में चुनाव खर्च आब्जरवरों को दी जानकारी

जालंधर(द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिशनर जालंधर घनश्याम थोरी ने आज चुनाव खर्च आब्जरवरों को विधान सभा चुनाव दौरान खर्च की निगरानी के लिए प्रशासन की तरफ से किए गए प्रबंधों के बारे में जानकारी दी।  चुनाव खर्च आब्जरवर प्रदीप कुमार मील, आई.आर.एस., अयाज़ अहमद कोहली, आई.आर.एस. और सत्यापाल सिंह मीना, आई.आर.एस. के साथ एक वर्चुअल समीक्षा बैठक दौरान डिप्टी कमिशनर ने कहा कि ज़िला प्रशासन जालंधर में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारर्दशी मतदान करवाने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध और तैयार है। उन्होंने निगरान आधिकारियों को जानकार करवाया कि चुनाव दौरान उम्मीदवारों की तरफ से किये जा रहे खर्चें पर नज़र रखने के लिए प्रशासन की तरफ से पहले ही अलग -अलग सैल् और समितियों का गठन किया जा चुका है, जिनमें ज़िला स्तरीय खर्च निगरान सैल्, मीडिया सर्टीफिकेशन और मोनिटरिंग समिति, ज़िला स्तरीय शिकायत सैल्,सी -विजिल मोनिटरिंग सैल और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सैलों और समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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डिप्टी कमिशनर ने आगे बताया कि उम्मीदवारों की तरफ से किये गए खर्च पर नज़र रखने के लिए अलग -अलग टीमों को फील्ड में तैनात किया गया है, जिसमें 81 एफ.एस.टी., 27 वी.एस.टी., 81 एस.एस.टी., 18 वीडियो व्यूयिंग टीमें, 9 लेखा टीमें और 9 सहायक खर्चा निगरान शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन की तरफ से जिले भर में पहले ही संवेदनशील बूथों की मैपिंग की जा चुकी है और इसके बाद 259 स्थानों पर 488 संवेदनशील बूथों की पहचान की गई है जबकि जिले में 33 खर्च संवेदनशील स्थानों की निशानदेही की गई है जहाँ टीमों की तरफ से 24 घंटे निगरानी को यकीनी बनाया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि सी -विजिल एप पर अब तक 353 शिकायतें प्राप्त हुई है और इन सभी शिकायतों का निश्चित समय सीमा में निपटारा किया जा चुका है, जबकि ज़िला स्तरीय शिकायत सैल में दर्ज 308 शिकायतों का भी आधिकारियों की तरफ से निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन फलाईग सकुएड टीमों और स्टैटिक सरवीलैंस टीमों में सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल है, जिनको जी.पी.ऐस. लैस वाहन दिए गए है, जिनमें कैमरे भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन आधिकारियों को शिफटों अनुसार ड्यूटी सौंपी गई है जिससे उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सही जांच को यकीनी बनाया जा सके। हालाँकि, खर्च निगरान ने बताया कि एफ.एस.टी. टीमों को हर दूसरे दिन शहर के अलग -अलग स्थानों पर चैकिंग करनी चाहिए और चैकिंग दौरान वीडियो रिकार्डिंग की जानी चाहिए।

 घनश्याम थोरी ने आब्ज़रवरों को आगे बताया कि इन सैलों को चुनाव दौरान उम्मीदवारों की तरफ से किये जा रहे खर्च किए का लेखा -जोखा करने के लिए शैडो आब्ज़रवेशन रजिस्टर रखना जरूरी किया गया है। उन्होंने कहा कि इन रजिस्टरों की तुलना खर्च निगरान के निर्देशों अनुसार नियमित अंतराल पर उम्मीदवारों की तरफ से रखे गए रजिस्टरों के साथ की जाएगी। आधिकारियों ने कहा कि जिले में खर्च रखवाला टीमों के कामकाज को प्रभावशाली और पारर्दशी ढंग के साथ चलाने के लिए सख़्त नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन की तरफ से सैल के आधिकारियों को अपनी ड्यूटी तनदेही के साथ निभाने के लिए पहले ही जागरूक किया गया है और इन टीमों को पहले प्रशिक्षण भी दिया गया है। मीटिंग के अंत में आब्ज़रवरों ने उम्मीदवारों के इलावा खर्च निगरान कामों के लिए खर्च निगरान टीमों को उचित प्रशिक्षण देने पर ज़ोर दिया, जिससे वह अपने खाते मेन्टेन करे और आब्ज़रवरों के कहने पर इसको पेश करने के बारे में जानकार हो। बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास) जसप्रीत सिंह, सभी 9विधान सभा हलकों के रिटर्निंग अधिकारी, सहायक चुनाव आब्ज़रवर और अलग -अलग सैलों और समितियों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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