साईं हॉस्पिटल मामला : मंगलवार से स्वास्थ्य विभाग शुरू करेगा मृत रेखा मामले की जांच

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। साईं अस्पताल हमीरपुर स्थित डुग्गा की  कथित लापरवाही के कारण गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे 7 महीने के बच्चे की मौत होने के बाद  डीसी को सौंपी शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने 5 सदस्य के स्पेशलिस्ट डॉक्टर की एक टीम गठित कर दी है। मंगलवार को यह टीम मृतक महिला के गांव में पहुंचकर परिजनों से जांच से जुड़े सभी दस्तावेजों को जांच में शामिल करेगी इसके अलावा उनके बयान भी कलम बंद किए जाएंगे।  सीएमओ द्वारा गठित कमेटी में बीएमओ गलोड़, एमओएच,  स्त्री रोग विशेष , मेडिकल स्पेशलिस्ट तथा अन्य डॉक्टर शामिल है। डीसी के निर्देश पर रेखा की मृत्यु के कारणों को जानने के लिए एसपी ऑफिस तथा सीएमओ को जांच के लिए कहा गया था।  इस पर अब कार्यवाही शुरू हो गई है।
क्या था मामला 
मृतक गर्भवती महिला रेखा कुमारी पत्नी नरेश कुमार  गांव व डाकघर बारीं मंदिर, तहसील टौणी देवी , जिला हमीरपुर की मौत की  जांच के लिए ग्रामीणों तथा परिजनों ने हमीरपुर मुख्यालय पहुंच उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक को सारे मामले से अवगत करवाया  थाा । उन्होंने  साईं अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की थी। मृतक रेखा  की बहन  नीलम चौहान ने बताया था कि रेखा कुमारी 7 माह से गर्भवती थी तथा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए नियमित रूप से साईं अस्पताल हमीरपुर जाती थी। सात माह की रिपोर्ट में  साईं अस्पताल द्वारा रेखा तथा भ्रूण का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक बताया जाता रहा। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन  नियमित चेकअप फीस भी वसूलता रहा। 15 जनवरी को रेखा की तबीयत अचानक खराब हो गई तो सुबह साईं अस्पताल लाया गया। अस्पताल के डॉक्टर  ने उन्हें बड़सर ( मेहरे ) स्थित  हार्ट अस्पताल जाकर टेस्ट करवाने के लिए कहा।

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बड़सर से टेस्ट करवाकर फिर साईं अस्पताल आ गए। यहां फिर डॉक्टर  ने हमें एक सप्ताह की दवाईयां देकर घर भेज दिया।15 जनवरी शाम को  रेखा की तबीयत तेजी से बिगड़ी तो उसे फिर साईं अस्पताल लाया गया। यहां इमरजेंसी में  न तो स्ट्रैचर मिला और न ही तुरंत डॉक्टर मिला। रेखा को गोद में उठाकर अस्पताल की दूसरी मंजिल तक पहुंचाया गया। उस वक्त रेखा को कोई ब्लीडिंग नहीं थी। नीलम ने बताया कि 15 जनवरी को रात 9 बजे साईं अस्पताल प्रबंधन ने एक इंजेक्शन लगाकर हमें मरीज को मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा ले जाने के फरमान दे दिए ।  करीब रात 11:45 बजे मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा पहुंचे तथा करीब एक घंटे के टेस्ट के बाद  बताया गया कि करीब  8 माह का भ्रूण पेट में ही मर चुका है और अब रेखा की जान को भी खतरा है। रात 2:30 बजे टांडा मेडिकल अस्पताल में   रेखा ने दम तोड़ दिया था । एमओ डॉक्टर आरके अग्निहोत्री का कहना है कि टीम को गठित कर दिया गया है। मंगलवार सेव जांच शुरू कर दी जाएगी जो भी रिपोर्ट आएगी उसे उपायुक्त को सौंपा जाएगा।

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