जनौड़ी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: राकेश भार्गव। सिद्धेश्वर श्री वावा श्रवण नाथ जी के पावन दरबार गाँव जनौड़ी में उनकी मुर्ति स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मन्दिर कमेटी द्वारा भव्य संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। महांमण्डेलश्वर स्वामी श्री सतीश वत्स जी द्वारा विधीवत ज्योति प्रज्वलित की गई। स्वसतिवाचन के पाठ उपरांत नीलकंठ शास्त्री मुरलीवालों ने कथा का प्रारंभ करते हुए कहा कि भगवान को पाने के लिए शुद्ध मन का होना अत्यावश्यक है। भगवान को पाने में यह मायने नहीं रखता कि कोई कितना पढ़ा लिखा है, उसके पास कितनी डिग्रियां हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में ऐसे अनेक महान संत हुए हैं जो पढ़े हुए तो नहीं थे परंतु भगवान के रंग में रंगे हुए थे। और उन्होंने प्रभु को कितनी आसानी से पा लिया, यह हम सबके सामने है। महामंडलेश्वर स्वामी श्री श्री सतीश वत्स जी ने कहा कि जो सत्संग में जाता है बहुत ही भाग्यशाली होता है। उन्होंने कहा कि इस जीवन की भाग दौड़ में से कुछ पल हमें प्रभु के लिए जरूर निकालने चाहिए। समाज की विडंबना यह है कि जिस ने सब कुछ दिया है हम उसी को भूल कर झूठी माया के प्रपंच में फंसते चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य भूल जाता है कि वह पाप किसके लिए कर रहा है। सत्य तो यह है कि उसके कर्म ही उसके साथ जाएंगे।
उपस्थिति का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि यहां निंदा चुगली हो रही हो, वहां से उठकर चले जाना चाहिए। मंदिर कमेटी सिद्धेश्वर श्री बाबा श्रवण नाथ जी को उन्होंने बधाई देते हुए कहा के ऐसी धार्मिक संस्थाओं का यह परम कर्तव्य है कि वह धार्मिक कार्यों के साथ-साथ समाज सेवा के कार्य भी करते रहें, जिसे यह कमेटी पूरी तन्मयता से निभा रही है। इस मौके अन्य के इलावा प्रधान रूप सिंह, सचिव नरेंद्र शर्मा, कोषाधक्ष सुखबीर सिंह, सुजेश शर्मा, अजमेर सिंह, बलराम, दविंद्र, नरेंद्र सिंह, पिंकी शास्त्री, मनमोहन कौशल, मस्तराम, लखनलाल, फतेह सिंह, बलराज शर्मा, डॉ संदीप डडवाल, अनिल डडवाल, गुरमीत सिंह, संजीव ठाकुर, वरुण शर्मा, मुकेश, अनिल शर्मा, रघुनंदन, जितेंद्र, सतीश एवं अन्य भी उपस्थित थे।