दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित आध्यात्मिक कार्यक्रम करवाया

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आश्रम कपूरथला में राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित आध्यात्मिक कार्यक्रम किया गया जिस के आरंभ में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी हरिप्रीता भारती जी द्वारा गुरुसाहिबान की रचना सो क्यों मंदा आखिए जित जम्मे राजान शब्द का गायन किया गया। अपने विचार देते हुए साध्वी रमन जी ने कहा नारी महिमाशाली वरदान है जो ऋषियों मुनियों भक्तो राजाओं की जननी ही नही संपूर्ण संसार की निर्माणशाला भी है। आज की नारी अपनी प्रतिभा के बल पर हर क्षेत्र में पुरुष के बराबर स्थान ग्रहण कर चुकी है। नारी इतनी क्षमतावान होते हुए भी आज दंश बन कर रह गई है हर पल असुरक्षा का भाव शील हनन दहेज कन्या भ्रूण हत्या जैसे शब्दों ने नारी शब्द संघर्ष व्यथा अपमान का पर्याय बना दिया है।इस के दो ही कारण है एक समाज दूसरा स्वयं नारी।सौंदर्य प्रसाधनों की परतों की परतों तले आज की नारियों का आत्म सौंदर्य कहीं दब गया है स्वार्थी महात्वाकांक्षाओं की अंधड़ आंधी ने उनके मन की धारा से त्याग सरलता सादगी ममता की कोमल लताओं को अखाड़ फेंका है।

Advertisements

साहस और स्वाभिमान की जलती मशालें आज अकारण ही दैन्य के धुएं से ढकी पड़ी है।किंतु यदि नारी को अपनी नियति के अंधेरे का समूल नाश करना है तो उसे शारीरिक बल मनोबल के साथ साथ आत्मिक बल का भी आह्वान करना होगा।अपनी आत्मिक ज्योति प्रकट करे यह अध्यात्म के बूते पर ही जागृत किया जा सकता है ब्रह्मज्ञान आत्मज्ञान यही सनातन माध्यम है।विचारणीय है कि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान संतुलन बेटा बेटी एक समान और नारी सशक्तिकरण जैसे प्रकल्पों के माध्यम से समाज में जागृति का आह्वान करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here