हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। उना हमीरपुर रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट एक सफेद हाथी की तरह दुर्लभ हो गया है जो कहानियों में तो है लेकिन हकीकत में इसे किसी ने नहीं देखा। मज़ाक और जुमलों से जूझती इस रेल लाइन के लिए कभी ₹1000 का बजट आता है और कभी सिर्फ वादे। इस संदर्भ में हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष और प्रवक्ता अभिषेक राणा ने बताया कि उना- हमीरपुर रेलवे लाइन बिछाने के जुमलों से अब जनता परेशान हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जोकि हिमाचल की भूमि से ही संबंधित है आज तक बस प्रलोभन देते आए हैं। लेकिन धरातल पर देखें तो इस रेलवे लाइन के लिए कुछ नहीं किया गया।
घोषणाओं में घूम रही रेल लाइन : अभिषेक राणा ने कहा कि यह रेलवे लाइन 2014 से कागजों और घोषणाओं में ही घूम रही है। केंद्रीय मंत्री बकायदा इसके लिए 3000 करोड रुपए का बजट पास होने की बधाई भी दे चुके हैं। लेकिन हकीकत में इस रेल लाइन का न ही सर्वे हुआ और न ही यह 1 इंच भी आगे बढ़ी। तो क्या यह जुमले मात्र जनता को झूठी तसल्ली देकर खुश करने के लिए हैं? हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने बार-बार इस संदर्भ में आरटीआई फाइल की जिसका केवल एक जवाब आता है कि सर्वे अभी प्रोसेस में है। कितने ही सालों से आरटीआई का यही एक ही जवाब है जिसका कोई सिर पैर नहीं है।
डबल इंजन की सरकार फिर भी रेल लाइन से मोहताज : अभिषेक राणा ने तंज कसते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार होते हुए भी उना-हमीरपुर की जनता को इस रेल लाइन से मोहताज होना पड़ रहा है ऐसे ही कई कारण है जिनकी वजह से उपचुनावों में जयराम सरकार को करारी हार का सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार जनता की विडंबना को महसूस नहीं कर पा रही रेल लाइन तो नहीं मिली और जनता की झोली में आए तो बस झूठे वादे और चन्द जुमले।