शहर में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रशासन और संस्थाओं को करनी चाहिए पहल: धार्मिक/सामाजिक संस्थाएं

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। धर्म की रक्षा एवं धर्मांतरण को रोकने के लिए भारत माता के वीर सपूतों और हमारे पूज्य गुरुओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और आज भी पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में बढ़ रहा धर्मांतरण हमारे लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इसलिए हम सभी भारतीयों को एकजुट होकर धर्मांतरण के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए ताकि हमारी सरकारें हमारे वीरों की कुर्बानियों का ध्यान करते हुए इस पर रोक लगाने हेतु कानून पारिस कर सकें। यह विचार शहर की अलग-अलग संस्थाओं के पदाधिकारियों ने धर्मांतरण एक समस्या पर विचार विमर्श करते हुए व्यक्त किए।

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इस मौके पर भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा, होशियारपुर वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष तरसेम मोदगिल, राम राज्य परिषद से राजिंदर मोदगिल, लायसं क्लब से लायन विजय अरोड़ा, विनोद पसान, अग्रवाल सभा से जगदीश अग्रवाल, योग समिति से एचके नकड़ा, बाबा लाल दयाल प्रचार मंडल से रमेश भाटिया आदि मौजूद थे। इस मौके पर सभी ने एकमत से कहा कि वोटों की राजनीति के चलते राजनीतिक पार्टियां देश और धर्म के प्रति अपने फर्ज को पूरी तरह से भूल चुकी हैं। आलम यह है कि धर्मांतरण जैसी घटनाओं का विरोध करने एवं उन पर रोक लगाने की मांग करने वालों पर ही कानूनी कार्रवाही करके अमन शांति को खतरा बताया जा रहा है।

जिसे किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता। गत दिवस भी होशियारपुर में हुए एक मामले के बाद सरकार एवं पुलिस ने सिर्फ हिन्दू नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करके अपनी भेदभावपूर्ण नीति का उदाहरण दिया था। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहर में अमन शांति बनाए रखने के लिए इन मामलों को तुरंत रद्द किया जाए ताकि आपसी सौहार्द खराब न हो और न ही दो समुदायों के बीच एक दूसरे लिए नफरत का बीज पैदा हो।

उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को हवा देने वाली बाहरी ताकतों के खिलाफ भी कार्यवाही करे ताकि आपसी सौहार्द खराब करने वालों को भी नसीहत मिले। उन्होंने कहा कि जो लोग शहर में अमन शांति चाहते हैं वे इस मामले को हल करने के लिए आगे आएं और दोनों पक्षों में बैठक करवाकर आपसी सांझ का परिचय दें। इस दौरान सभी ने केन्द्र और पंजाब सरकार से अपील की कि एक तरफ जहां धर्मांतरण को रोकने हेतु कानून पारित किया जाना समय की मांग है वहीं धर्म की आड़ में निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए छोटे-छोटे मामलों को तूल देने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही का प्रावधान किया जाए। 

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