होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): सीएचसी कमाही देवी में मलेरिया दिवस पर कार्यक्रम हुआ। सीएमओ परमिन्द्र कौर के दिशा निर्देशों अनुसार एसएमओ तारा सिंह की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए डॉ. तारा सिंह ने कहा विकासशील देशों में मलेरिया कई मरीजों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवां देते हैं। उन्होंने कहा प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक मादा एनोफिलीज मच्छर होते हैं जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक कीटाणु फैला देते हैं।
डॉ तारा सिंह ने कहा मलेरिया के प्रमुख लक्षण यह हैं कि एक निश्चित अंतराल से रोज एक निश्चित समय पर मरीज को बुखार आता है। सिरदर्द और मितली आने के साथ कंपकंपी के साथ ठंड लगने के दौरे प्रमुख हैं। मरीज को हाथ-पैरों में दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है। उन्होंने कहा मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरदानी में सोना और घर के आसपास जमा पानी से छुटकारा पाना। इसके अलावा रुके हुए पानी में स्थानीय नगर निगम कर्मियों या मलेरिया विभाग द्वारा दवाएं छिड़कवाना, मछली के बच्चे छुड़वाना आदि उपाय भी जरूरी हैं। यह मछली मलेरिया के कीटाणु मानव शरीर तक पहुंचाने वाले मच्छरों के लार्वा पर पलती हैं।
उन्होंने कहा यदि मरीज में ऊपर लिखे लक्षण सामने आ रहे हैं तो उसका इलाज योग्य चिकित्सक से कराना चाहिए। कुनैन की गोली इस रोग में फायदा पहुंचाती है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मामले में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है। अमनदीप सिंह मेडिकल अफसर ने कहा मरीज को सूखे और गर्म स्थान पर आराम करने दें। कुनैन के कारण मरीज को मितली के साथ उल्टियां आ सकती हैं। इसके कारण मरीज को निर्जलन की शिकायत भी हो सकती है इसलिए तरल पदार्थों का सेवन अवश्य करते रहें । याद रखें मच्छर काटने के 14 दिन बाद मलेरिया के लक्षण सामने आते हैं।डॉ अमनदीप ने कहा भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा।
इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इस अवसर पर हेल्थ इंस्पेक्टर सदानंद ,बबीता शर्मा ,अमरजीत कौर ,कमलेश ,रमनदीप भगवंत सिंह ,भावना ,अनु बाला ,गुरमीत ,गणेश,नरेंद्र कुमार ,सर्वजीत सिंह ,तथा मंजीत कौर भी उपस्थित थे