पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े 26,454 पदों के लिए भर्ती को मंजूरी

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। युवाओं को रोज़गार के लाभप्रद मौके प्रदान करने के लिए एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए पंजाब मंत्रीमंडल ने विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े 26,454 पदों पर भर्ती करने की मंजूरी दे दी है। इस सम्बन्धी फ़ैसला आज प्रातःकाल यहाँ मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार यह पद ग्रुप ए, बी और सी से सम्बन्धित हैं। इस प्रक्रिया में मुख्य तौर पर गृह, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और तकनीकी शिक्षा विभाग शामिल होंगे। मंत्रीमंडल ने सम्बन्धित प्रशासनिक विभागों को पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध भर्ती को यकीनी बनाने के निर्देश दिए हैं। यह भी फ़ैसला किया गया है कि ग्रुप-सी के पदों की भर्ती के लिए इंटरव्यू नहीं लिया जायेगा। यह फ़ैसला रोज़गार मुहैया करवाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा। इसके इलावा यह कदम सरकारी विभागों के कामकाज को भी बेहतर करेगा क्योंकि वह जहाँ यह एक तरफ़ ज़रुरी मानवीय स्रोत के साथ काम करना शुरू करेंगे, वहीं दूसरी तरफ़ राज्य के नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ प्रदान करेंगे।

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एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसले में मंत्रीमंडल ने पंजाब विधान सभा के विधायकों को एक पैनशन (चाहे जितनी बार भी मैंबर रह चुके हों) देने के लिए’ दी पंजाब स्टेट लैजिसलेचर मैंबरज़ (पैनशन और मैडीकल सुविधा रैगूलेशन) एक्ट, 1977’ की धारा 3(1) में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। इससे पंजाब विधान सभा के विधायकों को मौजूदा उपबंध अनुसार पहली टर्म के लिए 15000 रुपए पैंशन प्रति महीना (समेत महँगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) और बाद वाली हर टर्म के लिए 10000 रपुए पैंशन प्रति महीना (समेत महँगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) की बजाय सिर्फ़ एक पैंशन (ट्रमों की गिनती किये बगैर) नयी दर अनुसार (60,000 रुपए प्रति महीना  महँगाई भत्ता (जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) दी जायेगी। इस संशोधन होने से पंजाब सरकार को सालाना लगभग 19.53 करोड़ रुपए की बचत होगी। व्यापारिक वाहन चालकों को अपेक्षित राहत देने के लिए मंत्रीमंडल ने 6मई से 5अगस्त, 2022 तक व्यापारिक वाहन जुर्माने से मोटर वाहन टैक्स वसूलने के लिए राज्य परिवहन विभाग की माफी (एमनेस्टी) स्कीम को हरी झंडी दे दी है। हालाँकि, विभाग फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते समय न तो ब्याज और न ही लेट फीस वसूलेगा। गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाऊन ने राज्य भर के ट्रांसपोर्ट सैक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है। नतीजन, कई व्यापारिक वाहन चालक समय पर मोटर व्हीकल टैक्स जमा नहीं करवा सके, जिस कारण इन चालकों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सका क्योंकि फिटनेस सर्टिफिकेट सिर्फ़ उन वाहनों को जारी किया जाता है, जिनका मोटर व्हीकल टैक्स समय पर जमा करवाया जाता है।

खास तौर पर धान के सीजन के दौरान घरेलू कोयले की सप्लाई की कमी को दूर करने के लिए मंत्रीमंडल को भारत सरकार के बिजली मंत्रालय के 7दिसंबर, 2021 के पत्र संबंधी अवगत करवाया गया, जिसमें साल के लिए 4 प्रतिशत की हद तक आयात किये कोयले को मिश्रण के मकसद के लिए वित्तीय साल 2022-23 के लिए बरतने की सलाह दी गई थी। इसलिए तुरंत ज़रुरी कदम उठाने के लिए कहा जिससे मई, 2022 तक कोयले के आयात का प्रबंध किया जा सके, भाव बरसात के मौसम के शुरू होने से पहले, कोयले के भंडारों की कमी से बचा जा सके और ज़रुरी कोयले के भंडारों को बनाया जा सके। इसके इलावा, बिजली मंत्रालय, भारत सरकार ने 28 अप्रैल, 2022 के पत्र के द्वारा बिजली की बढ़ती माँग और उपभोग के मद्देनज़र हिदायत की है कि स्टेट जैनकोस और आईपीपीज़ के स्वामित्व वाले थर्मल पावर प्लांटों की ज़रूरत को पूरा करने के लिए मिश्रण के मकसद के लिए कोयला आयात करना चाहिए जिससे कुल ज़रूरत के 10प्रतिशत को पूरा किया जा सके और सम्बन्धित राज्यों में निरंतर बिजली सप्लाई को यकीनी बनाया जा सके।

बिजली मंत्रालय ने आगे निर्देश दिए हैं कि मानसून की शुरूआत से पहले पावर प्लांटों में कम से कम ज़रुरी कोयले के स्टाक को यकीनी बनाया जाये, यह ज़रूरी है कि मिश्रण के मकयद के लिए कोयला आयात करने के लिए अवार्डों की प्लेसमेंट 31 मई, 2022 तक पूरी की जाये। सभी जैनकोज़ 30 जून, 2022 तक निर्धारित मात्रा का 50प्रतिश्त, 31 अगस्त, 2022 तक 40प्रतिशत और 31 अक्तूबर, 2022 तक बाकी 10प्रतिशत की डिलीवरी यकीनी बनाऐंगे और राज्यों को आयात किये कोयले के मिश्रण के लिए, जहाँ भी ज़रूरत हो समय पर क्लीयरेंस दी जाये। बिजली मंत्रालय, भारत सरकार ने आगे बताया है कि 10प्रतिशत की दर से मिश्रण की ज़रूरत सरकारी स्वामित्व वाले थर्मल प्लांटों के लिए 5.94 लाख मीट्रिक टन, एनपीएल के लिए 3.81 लाख मीट्रिक टन और टीएसपीएल के लिए  6.50 लाख मीट्रिक टन है। यहाँ यह वर्णनयोग्य है कि ऐतिहासिक तौर पर धान के सीजन के बाद बिजली की माँग काफ़ी कम हो जाती है और अक्तूबर के बाद आयात किये कोयले की ज़रूरत इस अनुसार घटती है। अक्तूबर 2022 से मार्च 2023 तक आयात किये कोयले के प्रयोग की विस्तृत गणना को बाद में मंत्रीमंडल के सामने रखा जायेगा।

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