होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़): पंजाब का अन्नदाता अपने ही देश में बॉर्डरों पर पूरी दुनिया का पेट भर के खुद भूखा प्यासा धक्के खा रहा है, एक सभ्य समाज में यह घटना अति निन्दनीय है, यह बात आज प्राकृतिक व सामाजिक वातावरण प्रेमी वीर प्रताप राणा ने कही । उन्होंने आगे कहा कि पहले डेढ़ साल तक आंधी तूफान में दिल्ली के बॉर्डरों पर यह किसान धक्के खाते रहे, शहीद होते रहे पर देश के नागरिकों का पेट भूखा नहीं रहने दिया और निरंतर अपने हकों के लिए लड़ते हुए शहीद होते हुए खेती के उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी। ऐसे किसानों को पंजाब सरकार द्वारा पुरूस्क़ृत किया जाना चाहिए परन्तु पंजाब में भगवंत मान व केजरीवाल द्वारा संचालित पंजाब सरकार भी किसानों के साथ अन्याय कर रही है, यह बड़ी शर्म की बात है कि दिल्ली बॉर्डर पर वोटों के लिए जो केजरीवाल इनका स्वागत कर रहे थे आज वही केजरीवाल इनको अपने ही घर में अपमानित करवा रहे हैं। वीर प्रताप राणा ने कहा कि भगवंत मान सरकार दिल्ली बॉर्डर पर व चुनावों में किसानों के साथ किए वायदे पूरा करें न की उनके जख्मों पर नमक छिड़कें। उन्होने आगे कहा की ये हमारे ऋषि मुनियों, गुरुओं कि शिक्षा ही है कि हमारा किसान एक तरफ तो कर्ज के बोझ तले आत्महत्या कर रहा है और वही उसी किसान का परिवार उसी खेत में अन्न पैदा कर हम देशवासियों का पेट भर रहा है । किसान को न तो सरकार उचित मूल्य दे रही है और ना ही उसकी बनती इज्जत, मान सम्मान।
वीर प्रताप राणा ने पंजाब सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि वह किसानों की मांगों को तुरंत पूरा करें व पानी के मुददे पर किसानों को कोसना बंद करते हुए पंजाब में सफेदा, पॉपुलर व कोका कोला जैसी सेहत व धरती नीचे पानी की दुश्मन कंपनियों को तुरंत प्रभाव से बंद करके पंजाब को आने वाले जल संकट से बचाये। राणा ने आगे कहा कि पंजाब को भारत का दिल कहा जाता है और अगर किसी का दिल ही खराब हो जाए तो उस शरीर का क्या होगा। यही हाल कहीं देश का ना हो जाए इसलिए मोहाली बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ भगवंत मान सरकार इज्जत, मान सम्मान के साथ पेश आये व किसानों की मांगी पूरी कर इस भंयकर गर्मी में उन्हें अपने घरो को भेजे ता कि वे फिर से हमारे लिए अच्छे मन से अनाज पैदा कर सकें। भगवंत मान जी यह हमारा पेट भरते हैं , मैं इनमें मां-बाप की आकृति देखता हूं व विनती करता हूँ की आप व केजरीवाल भी इनमें माँ बाप को देखें क्योंकि यह सुबह-शाम, गर्मी-सर्दी, आंधी-तूफान में रहकर भी हमारा पेट पालते हैं।