गौशालाओं में तूड़ी की कमी को दूर करने के लिए फैक्ट्रियों में स्टोरेज़ पर लगाई जाए पाबंदी: गौशाला प्रबंधक

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कई फैक्ट्रियों द्वारा तूड़ी की स्टोरेज़ के चलते गौशालाओं में गायों एवं गौधन के लिए चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं तूड़ी की कमी के कारण मालिक इसके मनमर्जी के दाम वसूल रहे हैं, जिस कारण इसके दाम एक हजार रुपये प्रति क्वंटिल से अधिक पहुंच गए हैं। जिसके चलते गौशाला प्रबंधकों के लिए प्रबंधन करना मुश्किल बन गया है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह तूड़ी की कमी को दूर करने एवं इसके दाम कम करने के लिए उचित कदम उठाए। अगर सरकार ने ऐसा न किया तो गौशाला प्रबंधकों को गायों को सडक़ों पर छोडक़र ताले लगाने को विवश होना पड़ेगा। यह बात श्री गोबिंद गोधाम गौशाला प्रबंधकों ने प्रधान कुलदीप सैनी की अगुवाई में आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि गौशाला प्रबंधक ही नहीं बल्कि तूड़ी की कमी के कारण पशु पालक भी परेशान हैं।

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सरकार के बार-बार ध्यान में लाए जाने के बावजूद सरकार द्वारा तूड़ी की कमी को दूर करने एवं दाम कम करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिस कारण फैक्ट्रियों में तूड़ी की डम्प लगे हैं और गौशालाओं के शैड खाली पड़े हैं। आलम यह है कि थोड़े से मुनाफे के लिए किसान तूड़ी को फैक्ट्रियों में बेच रहे हैं और बेजुबानों के आदे भूखों मरने की नौबत आ चुकी है। गत दिवस जब गौरक्षा समिति पंजाब के संरक्षक स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने फैक्ट्रियों में तूड़ी बेचे जाने का विरोध किया था तो सरकार एवं प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि गौशालओं एवं पशु पालकों को तूड़ी की कमी नहीं आने दी जाएगी और फैक्ट्रियों में तूड़ी नहीं बेचने दी जाएगी। लेकिन प्रशासन का यह आश्वासन भी सरकार के दावों की तरह असफल साबित हुआ है। जिस कारण गौशालाओं का प्रबंधन करना मुश्किल होता जा रहा है।

उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तूड़ी संबंधी गौशाला प्रबंधकों एवं पशु पालकों को पेश आ रही समस्या का ठोस हल न किया तो उन्हें गायों एवं गौधन को सडक़ों पर छोडक़र गौशालाओं को ताले लगाने को विवश होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी। इस अवसर पर नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन राकेश मरवाहा, हरीश शर्मा, मोहिंदर पाल, गुलशन नंदा, प्रवीन मनकोटिया, अशोक शर्मा आदि मौजूद थे।

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