ढोलवाहा स्कूल के विद्यार्थी पेड़ पौधे लगाकर व पंछियों के लिए घोंसले बनाकर दे रहे पर्यावरण को बचाने का संदेश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां हो चुकी हैं, और इन छुट्टियों में सभी विद्यार्थी मां-बाप के साथ कहीं पहाड़ों में घूमने फिरने का प्रोग्राम बनाते हैं। लेकिन वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनको इस पर्यावरण की चिंता है, और वह इन छुट्टियों का सदुपयोग पर्यावरण को बचाने में कर रहे हैं। इसी संदर्भ में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढोलबाहा के विद्यार्थी पर्यावरण को बचाने हेतु ना केवल पेड़ और पौधे लगा रहे हैं बल्कि पक्षियों को बचाने के लिए घोंसले, उनका दाना, पानी और उनकी संभाल भी कर रहे हैं। इसकी जानकारी ब्लॉक भूंगा 1 के गाइडेंस काउंसलर नीरज धीमान ने देते हुए कहा कि इस बार गर्मी की छुट्टियों से पहले राज्य स्तर पर गाइडेंस एंड काउंसलिंग के असिस्टेंट डायरेक्टर ज्योति सोनी कथा स्टेट कोऑर्डिनेटर सुखविंदर कौर जी के दिशा निर्देशों पर सभी स्कूलों से यह अपील की गई, कि इस बार गर्मियों की छुट्टियों में इस बार बच्चों को गर्मी की छुट्टियों का काम देते हुए एक यह भी नई पहल की जाए कि बच्चों को पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाए।

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तो इसी श्रृंखला में आगे बढ़ते हुए सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढोलबाहा के विद्यार्थी कार्यकारी प्रिंसिपल अमनदीप धामी के सुयोग्य निर्देशन में ना केवल गर्मियों की छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं, बल्कि पर्यावरण की देखभाल के लिए, जिसमें ना केवल पेड़ पौधे आते हैं, बल्कि पक्षी भी आते हैं, उनके लिए छोटे-छोटे घोंसले बनाकर, उनके लिए दाना पानी और पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण में अपना योगदान डाल रहे हैं। अमनदीप धामी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अगर पर्यावरण को आने वाली पीढिय़ों के लिए बचाना है, तो उसके लिए बहुत जरूरी है कि हम पेड़ पौधों को लगाएं ताकि वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर ठीक रहे और प्रदूषण की मात्रा कम हो।

नीरज धीमान ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि जिस तेजी से वृक्षों की कटाई दिन पर दिन हो रही है, वह दिन दूर नहीं जब पंजाब जैसा हरा-भरा प्रदेश, जो जंगलों से भरपूर है, कहीं रेगिस्तान ना बन जाए। इसीलिए बच्चों को आने वाले भविष्य का खतरा बताते हुए प्रेरित किया गया कि वह अपने आसपास पर्यावरण को बचाने हेतु अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं ताकि आने वाली पीढिय़ां खुली और शुद्ध सांस ले सकें। अब तक जो जो बच्चे इस कार्य में अपना योगदान दे चुके हैं, वह हैं, नीति, कीर्ति, सिया, सदीक मोहम्मद, करणवीर, शिवानी, अंशिता,हरमन,सतिंदर, रिया डडवाल,कार्तिक,पारुल और प्रिया डडवाल

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