मंत्री तृप्त बाजवा ने अल्फा इंटरनेशनल सिटी कॉलोनी के कॉलोनाईजऱ के साथ मिलकर किया 28 करोड़ का घपला

अमृतसर/चण्डीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। गाँव भगतूपुरा जि़ला अमृतसर में पंचायती रास्तों और खालेयों को बेचने की मंजूरी मौजूदा सरकार द्वारा नहीं बल्कि सभी नैतिकता को ख़त्म करते हुए पुरानी सरकार के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने 11 मार्च 2022 को जारी की थी, जबकि उस समय कोड ऑफ कंडटक्ट लगा हुआ था और 10 मार्च के चुनाव के नतीजों में कांग्रेस पार्टी बुरी तरह हार चुकी थी। उस समय कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा को मिसल और मंजूरी देने का कोई अधिकार नहीं था। इन शब्दों को प्रकट करते हुए स. कुलदीप सिंह धालीवाल ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री पंजाब ने जि़ला प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में प्रैस पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए किया। स. धालीवाल ने विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि अल्फा वन सिटी जोकि मानांवाला में बनाई गई है, में पंचायती रास्तों और खालेयों को बेचने सम्बन्धी 2015 में अकाली दल के सरपंच द्वारा प्रस्ताव दिया गया था, परन्तु इसको अमली जामा बाजवा ने 2022 में चुनाव आचार संहिता के दौरान दिया गया।

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उन्होंने बताया कि अल्फा इंटरनेशनल सिटी कॉलोनी का कुल क्षेत्रफल लगभग 150 एकड़ है और इस ज़मीन में पंचायती रास्ते और खाले पड़ते थे, जोकि उस प्रोजैक्ट में अड़चन थे। उन्होंने बताया कि उस समय के मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा शरेआम कॉलोनाईजऱ के साथ मिलीभुगत करके पंचायती रास्तों और खालों की मंजूरी केवल 43 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जारी कर दिए, जबकि इसकी मार्केट रेट 7.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ थी। उन्होंने बताया कि रास्तों और खालों का कुल क्षेत्रफल 32 कनाल 16 मरले बनता था और इस तरह करने से सरकार को 28 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है।
स. धालीवाल ने बताया कि जिस समय यह फ़ैसला लिया गया, उस समय मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू था। उन्होंने बताया कि 10 मार्च 2022 को विधानसभा के नतीजे आ चुके थे और पुरानी सरकार द्वारा अपना इस्तीफ़ा माननीय राज्यपाल को सौंप दिया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस सभी स्कैंडल की जाँच-पड़ताल करके तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है, जो एक हफ़्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उस रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी पाया गया चाहे वह अधिकारी हो या नेता उसके विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस तीन सदस्यीय समिति में अमित कुमार आईएएस संयुक्त विकास कमिश्नर, सरबजीत सिंह संयुक्त डायरैक्टर ग्रामीण विकास और जोहरइन्दर सिंह आहलूवालीया सीनियर कानून अफ़सर शामिल किए गए हैं, जो सभी मामलों की जांच करेंगे।
प्रैस पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए स. धालीवाल ने कहा कि पिछले 15 सालों के दौरान जितनी भी कॉलोनियाँ काटी गई हैं, उनकी मुकम्मल जाँच करवाई जायेगी और सरकारी रास्तों से कब्ज़ा छुड़वाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार द्वारा अब तक करीब 5500 एकड़ पंचायती ज़मीनों को कब्ज़े से छुड़वाया गया है और यह कार्यवाही तब तक जारी रहेगी जब तक हम सभी कब्ज़े छुड़वा नहीं लेते। प्रैस पत्रकारों के सवाल के जवाब में धालीवाल ने स्पष्ट किया कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार को हुए नुकसान की भरपायी दोषियों से की जायेगी।

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