होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट : गुरजीत सोनू। श्री राम लीला दशहरा वैल्फेयर कमेटी की तरफ से आज सीता हरण व श्रीराम-हनुमान मिलन का भावविहल दृश्य का मंचन किया गया। इस अवसर पर पंडित अनिल शास्त्री ने कहा की सीता हरण के पश्चात जब श्रीराम सीता माता की तलाश में वन-वन भटक रहे थे उस समय उनकी मुलाकात वन में घायल पड़े जटायु से हुई जटायु ने उन्हें बताया कि रावण सीता माता का हरण कर लंका ले गया है और चित्रकूट पर्वत पर उन्हें वानर राज सुग्रीव से मिले, जिससे उन्हे लंका पर चढ़ाई करने में मदद मिलेगी,
जिसके बाद श्री राम चित्रकूट की ओर चल पड़े पर्वत के निकट पहुंचने पर वानर राज सुग्रीव श्री हनुमान जी को ये सुनिश्चित करने के लिए भेजते हैं कि कही बाली ने तो उन्हें मारने के लिए तो नही भेजा तब भगवान हनुमान जी ब्राहम्ण वेष धारण कर श्रीराम एवं लक्ष्मण से भेंट करते है, श्रीराम जी को देखते ही श्री हनुमान जी पहचान गए और भावविभोर होकर श्रीराम के चरणों में गिर गए और उन्हें साथ लेकर वानर राज सुग्रीव के पास गए वहां सुग्रीव ने श्रीराम को आश्वासन दिलाया कि वह उनकी हर संभव मदद करेंगे।