विजीलैंस ब्यूरो ने राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके शामलाट ज़मीन बेचने के मामले में वांछित दो मुलजिमों को किया गिरफ़्तार

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। करोड़ों रुपए की ज़मीन को ग़ैर-कानूनी तरीके से हड़पने वाले भू-माफिया के खि़लाफ़ शिकंजा कसते हुये पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज पंचकुला जिले के गाँव कोना निवासी प्रवीन कुमार और वीर सिंह को गिरफ़्तार किया है जो राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभुगत से एस.ए.एस नगर जिले के गाँव माजरियां की लगभग 558 एकड़ (4624 कनाल) पंचायती ज़मीन के इंतकाल सम्बन्धी राजस्व रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ करने के दोष में शामिल थे।

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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में ब्यूरो की तरफ से गाँव माजरियां, सब तहसील माजरी, तहसील खरड़, ज़िला एस. ए. एस. नगर के राजस्व रिकार्ड के साथ की छेड़छाड़ सम्बन्धी 2019 में मोहाली में दर्ज शिकायत नं. 370 की पड़ताल के उपरांत पहले ही सब तहसील माजरी के राजस्व विभाग के अधिकारियों और निजी व्यक्तियों/ प्रापर्टी डीलरों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 और आई. पी. सी. की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 477- ए, 201, 120-बी के अंतर्गत एफ. आई. आर. नम्बर 06 तारीख़ 08- 05- 2021 के अधीन विजीलैंस ब्यूरो के थाना फेज़-1 एस. ए. एस. नगर में एक अपराधिक मामला दर्ज किया हुआ है।

और जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि उक्त मामले की तफ्तीश के दौरान यह बात सामने आई है कि दोषी वीर सिंह निवासी गाँव कोना, ज़िला पंचकुला ने गाँव मजारियां की 17 एकड़ (136 कनाल) ज़मीन धोखे से अपने नाम करवा ली और इस ज़मीन को आगे जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जी. पी. ए.) के द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दिया। इसी तरह दूसरे दोषी प्रवीन कुमार निवासी गाँव कोना, ज़िला पंचकुला ने 80 कनाल ज़मीन की जी. पी. ए. फर्जी व्यक्ति कमलजीत सिंह पुत्र अमरीक सिंह के नाम पर बनाई, जिस संबंधी अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा और इसको आगे अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दिया।

उन्होंने बताया कि उक्त मामले की पड़ताल के दौरान यह पाया गया कि इंतकाल सम्बन्धी राजस्व रिकार्ड में नं. 3159 तारीख़ 21. 05. 2004 के अंतर्गत छेड़छाड़ की गई थी, जिसको गाँव माजरियां के निवासियों की तरफ से अपनी ज़मीन की बाँट के लिए दर्ज करवाया गया था और वह समकालीन कंसोलीडेशन अफ़सर, मोहाली की तरफ से किये इंतकाल नं. 2026 तारीख़ 07. 05. 1991 अनुसार इस ज़मीन के वह असली मालिक थे परन्तु दोषी प्रापर्टी डीलरों ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभुगत करके धोखे से इस गाँव की ज़मीन का इंतकाल बदल दिया जिसमें 14 व्यक्तियों को गाँव माजरियां की 558 एकड़ (4464 कनाल) ज़मीन के मालिक दिखाया गया।

जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि इन 14 व्यक्तियों में से 12 बिल्कुल फ़र्ज़ी थे। वह न तो उपरोक्त ज़मीन के मालिक थे और न ही गाँव माजरियां के निवासी थे और न ही उपरोक्त ज़मीन के काश्तकार हैं। बाकी 2 व्यक्ति गाँव माजरियां के निवासी हैं और थोड़ी ज़मीन के मालिक हैं परन्तु मुलजिम राजस्व अधिकारियों की तरफ से उनकी ज़मीन में विस्तार कर दिया गया। इसके इलावा तारीख़ 18. 06. 2014 और 19. 06. 2014 को लगभग 578 एकड़ (4624 कनाल) ज़मीन धोखे से ऐसे व्यक्तियों के नाम तबदील की गई थी जो वास्तव में ज़मीन के मालिक नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस केस में कुछ राजस्व अधिकारियों और निजी व्यक्तियों/ प्रापर्टी डीलरों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि उक्त दोनों मुलजिमों को अदालत में पेश किया जायेगा और मामले सम्बन्धी आगे पूछताछ के लिए इनका पुलिस रिमांड लिया जायेगा। इस मामले के और तफ्तीश जारी है।

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