होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)। कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से किसानों के लिए पराली प्रबंधन संबंधी जिले के अलग-अलग ब्लाकों के गांवों में जागरुकता व प्रशिक्षण कैंप लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी के अंतर्गत पराली प्रबंधन के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान माहिलपुर ब्लाक के अपनाए गांव अजनोहा में जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर डा. मनिंदर सिंह बौंस ने धान की पराली को आग लगाने से होने वाले नुकसानों के बारे में किसानों को जागरुक किया व पराली प्रबंधन के कार्य को अभियान के रुप में अपनाने के लिए जोर दिया। उन्होंने धान के पौधे के मधरेपन के कारण ‘दक्षिणी धान ब्लैक-स्ट्रीकड बौणा वायरस’ संबंधी जानकारी दी व धान की फसल का लगातार सप्ताह दर सप्ताह सर्वेक्षण करने के लिए किसानों को अपील की। उन्होंने बताया कि वायरस का रोग धान के सफेद पीठ वाले टिड्डे के बच्चे व बालिगों के माध्यम से फैलता है। डा. बौंस ने रबी की फसलों गेहूं, छोले, मसर व गोभी सरसों की काश्त के बारे में जरुरी नुकते सांझे किए।
सहायक प्रोफेसर(कृषि इंजीनियर) डा. अजैब सिंह ने धान की पराली प्रबंधन के बारे में तकनीकी जानकारी साझी की व धान की पराली प्रबंधन संबंधी मशीनरी सुपर एस.एम.एस, स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, उल्टावां हल्ल, मल्चर, जीरो ड्रिल आदि की उत्तम कार्यकुशलता संबंधी पहलुओं के बारे में परिचित करवाया।
सहायक प्रोफेसर(पशु विज्ञान) डा. कवंरपाल सिंह ने पराली में मौजूद अलग-अलग तत्वों की महत्ता, धान की पराली का बायो गैस प्लांट व पशु खुराक के तौर पर प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने गायों में लंपी चमड़ी रोग बीमारी के बारे में भी किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उपस्थित किसानों की सुविधा के लिए सर्दी की सब्जियों की किटें, बरसीम, तोरिआ, पशुओं के लिए धातु का चूरा व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाया गया।
इस मौके पर गांव अजनोहा के पूर्व सरपंच निरंकार सिंह, दीदार सिंह, हरविंदर सिंह खालसा, इंद्रप्रीत सिंह रवी, लंबड़दार गुरमुख सिंह, दलजीत सिंह ठक्करवाल, गांव जलवेहड़ास से परमजीत सिंह, बलविंदर सिंह, कुलवरन सिंह, हरविंदर सिंह, गांव टोडरपुर से संदीप सिंह, परमजीत सिंह, गांव पंजौड़ा से सतनाम सिंह भी मौजूद थे व उन्होंने कृषि संबंधी अपनी शंकाओं संबंधी माहिरों से विचार चर्चा भी की।
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