श्री प्रताप धर्म प्रचारणी राम लीला कमेटी ने किया नारद मोह नाटक का मंचन

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। हे विष्णु जो तूने मुझे वानर रूप देकर मुझसे छल किया है, यहीं वानर त्रेता युग में आपके श्री राम अवतार के समय सहाई होंगे और वानर सेना की सहायता से ही आप अपने अवतार लेने का लक्ष्य पूरा करेंगे। यह उदगार श्री प्रताप धर्म प्रचारणी रामलीला दशहरा कमेटी की ओर देवी तालाब में मंचित की जा रही प्रभु लीला शाम नारद मोह में उस समय कहे जब नारद को पता चलता है कि विष्णु ने उससे छल करके नारायण रूप की जगह उसे बंदर रूप दे दिया था। इससे पहले नारद को हिमालय पर्वत पर अटल समाधि लगाए देख इंद्र घबराया और उसने नारद की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को रंभा और उर्वशी अप्सरायों संग भेजा।

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लेकिन तपस्या भंग नहीं हुई और नारद को अभिमान हो गया। जिस पर भगवान विष्णु ने अभिमान को खंडित करने के लिए माया नगरी का निर्माण किया और मां लक्ष्मी को शीलनीधि की पुत्री के रूप में विश्व मोहनी को हर के ले गए और नारद अपना बंदर रूपी चेहरा लेकर शिवगणों के मजाक का पात्र बना और इन गणों को राक्षस बुद्धि होने का श्राप दे दिया। इससे पहले रावण के सिपहसालार ऋषियों को तंग परेशान कर उनकी पूजा अर्चना में विघ्न डालते और कर वसूली में उनका लहु निकालते है।

   इस अवसर पर सभाध्यक्ष विनोद कालिया, कृष्ण लाल  सर्राफ, कमलजीत सिंह, बिशवंर दास, रजिंदर वर्मा, राजेश सूरी, सतीश शर्मा, सुरिंदर शर्मा, एडवोकेट पवन कालिया, हरवंत सिंह भंडारी, अश्वनी सूद, मंगल सिंह, पवन लुंबा, बावा पंडित, गुलशन लुंबा, दविंदर कालिया, भूपिंदर सिंह, लखविंदर सिंह,  किशन दत्त शर्मा समेत सभा सदस्य व कलाकार उपस्थित थे।

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