होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर के कंडी इलाके में खरीफ के दौरान तिलों की काश्त करीब 300 हैक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। इस फसल को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं है व न ही ज्यादा संभाल की। किसानों को तिलों की सफल काश्त संबंधी जोर दोने के लिए व उन संबंधी लगाई गई खेत प्रदर्शनियों की कारगुजारी दर्शाने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के जिला स्तरीय प्रसार संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल की ओर से गांव बिछोही में खेत दिवस का आयोजन किया गया।
खेत दिवस के दौरान किसानों व किसान बहनों को संबोधित करते हुए केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर डा. मनिंदर सिंह बौंस ने तिलों की फसल प्रदर्शनियों के मनोरथ के बारे में प्रकाश डाला। डा. बौंस ने तिलों की फसल प्रदर्शनी के अंतर्गत बीजी उन्नत किस्म- पंजाब तिल नंबर 2 की सफल काश्त के ढंग, खादों के प्रयोग, कीड़े व बीमारियों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस किस्म की भरपूर शाखाएं फूटती है व अधिक फलियां लगती है। यह किस्म करीब 90 दिनों में पक जाती है व इसका औसत झाड़ 2.8 क्विंटल प्रति एकड़ है। डा. बौंस ने रबी की फसलों गेहंू, गोभी सरसो, छोले व मसर की काश्त के बारे में जरुरी नुकते सांझे किए व फसलों के अवशेषों को न जलाने के बारे में जोर दिया।
सहायक प्रोफेसर (कृषि इंजीनियरिंग) डा. अजैब सिंह ने धान की पराली संभालने के अलग-अलग तरीकों के बारे में किसानों को जागरुक किया। उन्होंने किसानों व किसान बहनों को खेती फसलों की महत्ता संबंधी बताया व पौष्टिक घर बगीची अपनाने के बारे में प्रेरित किया। पौष्टिक घर बगीची को उत्साहित करने संबंधी उपस्थित किसान व किसान बहनों को सर्दी की सब्जियों की किटें भी उपलब्ध करवाई गई। इस मौके पर किसानों की सुविधा के लिए मटर, बरसीम व गोभी सरसों का बीज, दालों के तेलबीज किटें, चारे की किटें, पशुओं के लिए धातु का चारा, मटरों के लिए जीवाणु खाद का टीका व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाया गया। गांव बिछोही से प्रगतिशील किसान रविंदर सिंह, अनिल कुमार, कुलविंदर सिंह, प्रवीन कुमार, जतिंदर कुमार, कमल सिंह आदि इस खेत दिवस में मौजूद थे व माहिरों ने इन किसानों के विचार भी सुने और शंकाओं के बारे में विस्तार से जवाब दिए।
कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से तिलों की काश्त संबंधी खेत दिवस का आयोजन
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