होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आईवी हस्पताल के हड्डियों व जोड़ों के विभाग के द्वारा रिवीजन टोटल घुटनों के जोड़ को बदलने का सफ़ल ऑपरेशन किया गया है। जानकारी देते हुए रोबोटिक आर्थोप्लेटी सर्जन डॉक्टर अतुल राय शर्मा ने बताया कि 47 वर्षीय महिला घुटनो के दर्द से परेशान होकर पहुंची। उनके दोनो घुटने आठ वर्ष पहले बदले गए थे परंतु क्रोनिक गठिया की वजह से उनके घुटनों के जोड़ ढीले हो गए थे और इसी कारण से उन्हे दोबारा दिक्कतें आने लगी थी। इस कारण डॉक्ट अतुल राय शर्मा ने इनके घुटनों की दोबारा सर्जरी की जिसमे मरीज़ के पुराने डाले गए जोड़ को निकाल कर आधुनिक तरीके से नया जोड़ इंप्लांट किया गया।
बताते चले की ऑर्थोपेडिक सर्जरी में इस ऑपरेशन को बहुत ही पेचीदा और मुश्किल समझा जाता है मगर इस ऑपरेशन के बाद मरीज़ दोबारा अपने घुटनों पर खड़ा होकर बिना दर्द के चलने फिरने लगा और वो जिस समस्या से परेशान थी उसका पूरा समाधान हुआ। डॉक्टर अतुल बताते हैं की घुटने प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद सफलता की दर के बारे में कई लोगों को गलत धारणा है। घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद सफलता की दर 90% है। हालांकि, सर्जरी की सफलता दर मुख्य रूप से कुछ मुख्य मापदंडों पर निर्भर करती है, जैसे कि सर्जरी सफलतापूर्वक करना, सर्जरी के बाद की देखभाल, नियमित फिजियोथेरेपी और संक्रमण से बचने के लिए सर्जन एवं आहार विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित आहार का पालन करना। इस सफलता दर के लिए, अधिकांश मरीज़ को रोजाना कुछ शारीरिक व्यायाम करने होते हैं।