श्री गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया आपसी-भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का मार्ग आज के पदार्थवादी संसार में भी प्रसांगिक: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरूवार को कहा कि श्री गुरु नानक देव जी द्वारा प्रचार किया गया आपसी-भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का संकल्प समकालीन पदार्थवादी संसार में सबसे अधिक प्रसांगिक है।  श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित समारोह के दौरान पंजाब राज भवन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष माथा टेकने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू साहिब जी महान आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने धर्म प्रचार के द्वारा मानवता की मुक्ति का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि गुरू साहिब की ‘किरत करो, नाम जपो और वंड छको’ की शाश्वत शिक्षाएं आज के पदार्थवादी समाज में भी प्रसांगिक हैं। भगवंत मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता को नए विचारों और उद्देश्यों से प्रेरित किया और पाखंड, झूठ, दिखावे और जात-पात की दलदल से ऊपर उठने का संदेश दिया।  
लोगों को गुरू साहिब द्वारा दिखाई गई सेवा और विनम्रता की भावना को ग्रहण करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने जात-पात रहित समाज की कल्पना की, जिससे दुखों में उलझी मानवता को तकलीफ़ों से मुक्त करवाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी उदासियों के द्वारा श्री गुरु नानक देव जी, जिनको विश्व भर में जगत गुरू के रूप में सत्कार दिया जाता है, ने आपसी-भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का प्रचार किया। भगवंत मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के द्वारा ज़ुल्म, अन्याय और अत्याचार का डटकर विरोध किया।  
गुरबानी की तुक ‘पवन गुरू, पानी पिता, माता धरत महत्त’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू जी ने हवा की गुरू से, पानी की पिता से और धरती की माता से तुलना की। भगवंत मान ने कहा कि गुरू जी ने उस समय लोगों को पर्यावरण के संरक्षण का उपदेश दिया था, जब प्रदूषण कहीं भी नहीं था, जिससे उनकी दूरदर्शी सोच का पता लगता है।  
प्रकाश पर्व सम्बन्धी समारोह आयोजित करवाने के लिए पंजाब के राज्यपाल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ के राज्यपाल और प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित जी धार्मिक और सामाजिक समारोहों को मनाने के लिए हमेशा अग्रणी रहे हैं। इस अवसर पर गरिमापूर्ण बधाई देते हुए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने गुरू साहिब की शिक्षाओं पर चलने पर ज़ोर दिया। गुरू साहिब के जीवन के बारे में संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी के जन्म और जीवन के शुरुआती साल यह दिखाते हैं कि उनको ईश्वरीय बख्शीश थी।

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