मत्तेवाड़ा जंगल को बचाने के लिए विधान सभा स्पीकर संधवां ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने लुधियाना जिले के सतलुज किनारे पड़ते मत्तेवाड़ा जंगल को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक चिट्ठी लिखी है। उनके साथ ही पंजाब में फारेस्ट कवरेज़ को 3.67 प्रतिशत से बढ़ा कर भारत के अन्य राज्यों के बराबर 33 प्रतिशत करने संबंधी भी सार्थक कदम उठाने की वकालत की है। संधवां द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि वारियर मोमज़, मदरज़ वार क्लीन एयर और ‘वी स्पोर्ट अवर फार्मज़’ भाई कन्हैया कैंसर रोकथाम सेवा सोसायटी, नरोआ पंजाब मंज और अन्य सामाजिक संस्थाओं की तरफ से फारेस्ट कवरेज बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छे सुझाव दिए गए हैं।

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यह संस्थाएं वातावरण से सम्बन्धित बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे उठा कर लोगों और सरकार को संवेदनशील करने के लिए समय-समय पर अपने सुझाव दे रही हैं। ऐसी संस्थाओं के द्वारा मत्तेवाड़ा फारेस्ट को बचाने के लिए दिए तर्क पिछली सरकारों के द्वारा विचारे नहीं गए जिस कारण लुधियाना के साथ लगते मत्तेवाड़ा जंगल का उजाड़ और सतलुज दरिया के पानी का प्रदूषित होना लगभग सुनिश्चित लग रहा है। स्पीकर ने कहा कि चाहे पंजाब के सभी विधायक वातावरण की देखभाल सम्बन्धी मुद्दे पिछली विधान सभा में उठाते रहे हैं परन्तु इन मुद्दों पर पिछली सरकार ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया।

संधवां ने आगे लिखा है कि पंजाब विधान सभा के वर्तमान सैशन में भी मत्तेवाड़ा के जंगल का मुद्दा उठा और मुख्यमंत्री की तरफ से विश्वास दिलाया गया था कि इस क्षेत्र में केमिकल प्रोड्यूस करने वाले उद्योग लगाने की आज्ञा नहीं होगी। पंजाब में जंगल के क्षेत्रों को और बढ़ाने के लिए समय-समय की सरकारों की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि बुरे वातावरण का लोगों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए औद्योगिक शहरों के नज़दीक वृक्षों के सुरक्षा कव्च को बढ़ाना बहुत ही ज़रूरी है। पंजाब में जल, ध्वनि और वायु प्रदूषण के कारण हो रही भयानक बीमारियों जैसे कैंसर, फेफड़े रोग, अस्थमा आदि को रोकना समाज और सरकार की अहम ही नहीं बल्कि पहली ज़िम्मेदारी है।

स्पीकर ने पुरज़ोर सिफारिश करते हुये लिखा है कि विधायकों द्वारा इस मुद्दे को विधान सभा में उठाने के साथ-साथ, लोगों के मुद्दों पर चुनी गई नयी सरकार द्वारा नये जंगल लगाने के लिए, मत्तेवाड़ा के जंगल को बचाने के लिए और सतलुज के पानी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए इस अहम मुद्दे का तत्काल हल निकालने के लिए ठोस कदम उठाने के प्रयत्न किये जाएं। इसके साथ लोगों की सेहत से जुड़े इस अहम मुद्दे संबंधी सरकार की संवेदनशीलता का एहसास आम जनता को होगा और यह मत्तेवाड़ा का जंगल जोकि लुधियाना के वातावरण को शुद्ध रखने के लिए, इसके जंगली जीवों और पक्षियों को कुदरत की तरफ से एक सुरक्षा कवर है, को बचाया जा सकेगा।

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