बहुराज्यीय विभिन्न सहकारी समितियों के गठन को कैबिनेट की मंजूरी

होशियारपुर/हरियाना (द स्टैलर न्यूज़)। क्षेत्रीय सहकारीप्रबन्ध संस्थान, चण्डीगढ़ के निदेशक राज कुमार शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से भेट वार्ता दौरान बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने बहु राज्य सहकारिता अधिनियम 2002 के नियम के तहत राष्ट्रीय स्तर की मल्टीस्टेट एक्सपोर्ट सोसाइटी की स्थापना, जैविक खेती, कृषि ऋण समितियों का कपयूटरीकरण, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के मॉडल उप नियम की जानकारी आदि समितियों की स्थापना की गई । केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मल्टी स्टेटको ऑप्रेटिव सोसायटीज अधिनियम 2022 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की मल्टीस्टेट एक्सपोर्ट सोसायटी की स्थापना को मंजूरी दी गई है । यह प्रस्तावित सोसायटी संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के माध्यम से सहकारी समितियों को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न निर्यात संबंधी योजनाओं और नीतियों का लाभ प्राप्त करने में भी मदद करेगी ।

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यह सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से ‘‘सहकार से समृद्धि’’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा । सहकारी सेवाओं को बढ़ाने से अतिरिक्त रोजगार भी पैदा होंगे । सहकारी उत्पादों के निर्यात में वृद्धि बदले में ‘‘ मेक इन इंडिया’’ को भी बढ़ावा देगी, जिससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा । पैक्स के किए गए कपयूटरीकरण के अन्तर्गत लगभग 13 करोड़ किसानों को लाभ की प्राप्ति होगी । माननीय प्रधानमंत्री जी की नेतृत्व में पैक्स की डिजीटलाईजेशन से कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का और भी सुधार कर पायेंगे । यह परियोजना भारत के 63,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कपयूटरीकरण का प्रस्ताव करती है । पैक्स के मॉडल उपनियमों की जानकारी उनके संबंधित उपनियमों द्वारा प्रतिबंधित है, जो ज्यादातर मामलों में दशकों पुरानी है और उनको संशोधन की आवश्यकता है । पैक्स का कृषि ऋ ण क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थानहै । यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुचारू रूप से ध्यान रखतें हैं । इस मुददे को हल करने के लिए और ग्रामीण स्तर पर पैक्स को जीवंत आर्थिक संस्थाओं में परिवर्तित करने के लिए विभिन्न सहकारी संस्थाओं में से एक कमेटी का चयन किया गया ।

मंत्रिमंडल ने एक बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसायटी की स्थापना को मंजूरी दे दी है, जोकि जैविक उत्पाद के लिए एक शीर्षसंगठन के रूप में कार्य करेगी । बढ़ते स्वास्थ्य और पर्यावरण चेतना के कारण जैविक उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना कृषि उपज का उत्पादन किया जाता है ।

क्षेत्रीय सहकारी प्रबन्ध संस्थान, चण्डीगढ़ के निदेशक राज कुमार शर्मा जानकारी देते हुए ।

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