होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)। 14 फरवरी का दिन हमारे देश में कभी न भूलने वाला दिन है इस दिन एक तरफ जहां अंग्रेज़ों ने भारत माता के लाल स. भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी की सज़ा सुनाई थी वही आज के दिन पुलवामा हमले में हमारे देश के 40 जवान शहीद हो गये थे उक्त विचार अशवनी गैंद संस्थापक अध्यक्ष नई सोच वैल्फेयर सोसायटी ने समागम के दौरान कहे। इस दौरान संस्था पदाधिकारियों ने शहीदों की तस्वीर के समक्ष पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर अशवनी गैंद ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव इतना है कि अधिकतर को तो आज के काले दिन से जुड़े इतिहास की जानकारी भी नही है, भोग विलासता भरे जीवन को जीवन समझने वाले हमारे युवाओं की सोच बदलने के लिए ज़रूरी है कि हम उन्हें समय-समय पर महत्वपूण दिनों की जानकारी दें तथा सरकार को भी चाहिए कि वह ऐसे महान सपूतों की कुर्बानियों की गौरव गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करे। विमल सैनी, राकेश मल्होत्रा, इन्द्रपाल सूद ने कहा कि शहीदों के दिवस स्कूलों में मनाने चाहिए ताकि बच्चे अपने शहीदों के बारे में जानकारी रख सकें।
उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि जिन त्योहारों से हमारा कोई लेना देना नही है उन्हें हम त्योहारों से बढ़ कर मनाते हैं इसलिए हर माता पिता, अध्यापक और संस्थाओं का फजऱ् है कि अपने-अपने स्तर पर बच्चों मेें देख भक्ति व शहीदों के प्रति सम्मान व प्यार की भावना कूट-कूट कर भरे। इस अवसर पर राजेश शर्मा, नीरज गैंद, तिलक राज मल्होत्रा, रमन कुमार, सोनू टंडन, संजीव मेहता, बृज मोहन नकड़ा, सुमन शर्मा, मोहित कुमार, तरसेम सिंह, राज कुमार आदि उपस्थित थे।