बेगमपुरा टाईगर फोर्स ने अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए डिप्टी कमिशनर को दिया मांग पत्र 

होशियारपुरः (द स्टैलर न्यूज़)। बेगमपुरा टाईगर फोर्स ने अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना की अध्यक्षता में पंजाब प्रधान वीरपाल ठरौली, सीनियर उप-प्रधान नरेश कुमार बद्धण, जि़ला प्रधान हैप्पी फतेहगढ़, सीनियर उप-प्रधान शहरी सुशांत मम्मण, मीडिया इंचार्ज चन्द्रपाल हैपी, पंजाब सचिव संजीव कुमार अत्तोवाल आदि ने डिप्टी कमिशनर होशियारपुर कोमल मित्तल को मांग पत्र दिया। राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना ने बताया कि पंजाब में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ गांव में जाति भेदभाव तथा अत्याचारों की घटनायें बढ़ती जा रही हैं।

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पुलिस प्रशासन की ओर से गरीब लोगों की सुनवाई समय पर न करने के कारण अनुसूचित जाति के गरीब लोगों पर अत्याचार करने वालों के हौंसले बढ़ते जा रहे हे। पटियाला के बलबेड़ा में 11 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार, मलेरकोटला के मोरांवाली गांव में 13 साल के मासूम बच्चे के साथ बुरी तरह से मारपीट, संगरूर के हलका दिड़बा में गांव गुजरां में बकरियां चारने वाले मज़दूर की बुरी तरह मारपीट करके उसका कत्ल करना तथा दूसरे की टांगे तथा बाजू तोड़ने की घटना, संगरूर के सुनाम के गांव जगतपुरा में नशों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले एस.सी. समाज के नौजवान की टांगे तथा बाजू तोड़ने की घटना, सभी दोषियों का पंजाब पुलिस की ओर से अभी तक गिरफ्तार न करना, मलेरकोटला के गांव कुप्प खुर्द में अनुसूचित जाति के समाज के शमशानघाट का गेट उखाड़कर लेके जान वालों के खिलाफ कोई कानूनी कारवाई न करना, ऊपर से एस.सी. समाज के नौजवानों के खिलाफ मुकद्दमें दर्ज कर देना भी र्दुभाग्यपूर्ण है।

यह घटनायें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बेगमपुरा टाईगर फोर्स द्वारा मुख्यमन्त्री पंजाब को लिखे इस मांग पत्र में पंजाब सरकार से मांग की गई है कि अनुसूचित जाति के गरीब लोगों की पुलिस थानों में पंजाब सरकार से मांग की गई है कि अनुसूचित जाति के गरीब लोगों की पुलिस थानों में तथा सरकारी विभागों में लंबित पड़ी दरखास्तों को हल करने के लिए पुलिस प्रशासन तथा सिवल अधिकारियों को समय पर हल करने के लिए पाबंद किया जाये। अनुसूचित जाति के सर्टीफिकेट लगाकर नौकरियां कर रहे कर्मचारियों के जाति सर्टीफिकेटों की दोबारा जांच करने के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया जाये। जाली सर्टीफिकेट लगाकर नौकरियां कर रहे ऐसे कर्मचारियों को फौरी नौकरी से डिसमिस करके उनके खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया जाये। पंजाब सरकार नये बजट में मज़दूरों की भलाई के लिए फंड रखे, सड़क हादसों में अपनी जान गंवाने वाले मज़दूरों के परिवारों के लिए 10 लाख का मुआवज़ा फिक्स करे।

श्रम विभाग की ओर से मज़दूरों की दिहाड़ी 700 रूपए फिक्स करवाई जाये। कर्जे के भार के नीचे दबे मज़दूर तथा उनकी औरतों की आरे से प्राईवेट कंपनियों तथा बैंकों से लिए छोटे मोटे कर्जे जैसे जिम्मीदारों के माफ किये हैं, सरकार की ओर से गरीबों के कर्जे भी माफ किये जायें। गरीब मज़दूर लोगों के लिए तूड़ी सस्ते दामों पर मुहैया करवाइे जाये, चावल लगाने की कीमत 6 हज़ार प्रति एकड़ तय की जाये। मनरेगा स्कीम के तहत कम से कम 200 दिन का रोज़गार दिया जाये। कोआप्रेटिव सोसायटियों में मज़दूरों के लिए भी मैंबरशिप का प्रबन्ध किया जाये। मज़दूरों को भी छोटा-मोटा कारोबार करने के लिए कर्जे देने का प्रबन्ध किया जाये।

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के अधीन पढ़ रहे विद्यार्थियों का 2018 से 2020 तक का पैंडिंग वजीफा राशि लगभग 1850 करोड़ रूपए  जारी किये जायें। 10, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के अधीन पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के शैक्षणिक संस्थानों की ओर से दबाये गये सर्टीफिकेट तुरंत जारी करवाये जायें। नशों के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों की सुरक्षा यकीनी बनाई जाये। पंचायती ज़मीनों की तीसरे हिस्से की ज़मीन अनुसूचित जाति के लोगों को दिलवाने की पालिसी बनाई जाये। गांवों में अनुसूचित जाति के लोगों के शमशानघाट के नज़दीक बनी हड्डा-रोढि़यों के तुरंत हटावाया जाये। अनुसूचित जाति लोगों के खिलाफ प्रभावशाली लोगों की ओर से करवाये गये नाजायज़ मुकद्दमें रद्द करवायें जायें। सरकार के अलग-अलग विभागों में, नगर कौंसलों में काम कर रहे कच्चे सफाई कर्मचारियों को रैगुलर किया जाये। अनुसूचित जाति के सभी कार्यालयों में पड़ी बैकलाग की पोस्टें भरी जायें।

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