होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शहर वासियों को लावारिस पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए नई सोच व उसकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा जो मुहिम शुरु की गई है वह निर्विघ्न जारी रहेगी, साथ ही कैटल पाउंड में जो कमियां हैं उन्हें दूर करके इसे एक आदर्श गौशाला बनाया जाएगा। उक्त बात नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने पशु पालन विभाग के डायरैक्टर हरमेश कुमार के साथ गांव फलाही स्थित कैटल पाउंड का दौरा करते हुए कही। अश्विनी गैंद ने कहा कि कैचटल पाउंड जोकि सरकारी गौशाला है में पशुओं की देखभाल के लिए सभी सुविधाएं पूरी की जा रही हैं और इस काम में जो कमियां हैं उसे दूर किया जाएगा।
कैटल पाउंड को चलाने में सहयोग के स्थान पर कूड़ प्रचार करने वालों से सावधान रहें गौभक्त और गौशाला सहयोगी
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कैटल पाउंड को सुचारु चलाने में सहयोग के स्थान पर कूड़ प्रचार करके गौभक्तों एवं गौशाला को सहयोग देने वालों को गुमराह कर रहे हैं, जोकि तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि गौशाला में कुत्ते आदि घुसकर पशुओं को नुकसान पहुंचते हैं तथा उन्होंने जब यहां आकर देखा तो पता चला कि गौशाला के इर्द-गिर्द जो बाडबंदी की गई है उसके कुछेक स्थानों से क्षतिग्रस्त होने के चलते कुत्ते आदि गौशाला में घुस जाते हैं। मगर, इसका जल्द समाधान करने हेतु डिप्टी डायरैक्टर साहिब को अपील की गई है व उन्होंने बाड़ को जल्द रिपेयर करवाने की बात कही है।
अश्विनी गैंद ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कैटल पाउंड में जल्द से जल्द कैमरे लगाए जाएं ताकि इस पर नजऱ रखी जा सके। इसके अलावा कर्मियों की भी कमी है जिसे पूरा करवाने हेतु जल्द जिलाधीश से मिला जाएगा। उन्होंने बताया कि घायल जानवरों को अलग शैड में रखने हेतु जो शैड नया तैयार किया जा रहा है उसी के एक भाग में उन्हें रखने के लिए प्रबंध किए जाएंगे और इस काम में नई सोच प्रशासन के साथ है।
उन्होंने जिलाधीश और डिप्टी डायरैक्टर से मांग की कि कैटल पाउंड में अपरिचित लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए तथा बिना जिलाधीश व डिप्टी डायरैक्टर की आज्ञा के किसी को भी कैटल पाउंड से संबंधित रिकार्ड न देखने दिया जाए। अश्विनी गैंद ने कहा कि गौशाला के कुछेक नियम होने बहुत जरुरी हैं और उनका अनुसारण करना भी यकीनी बनाया जाएगा इसके लिए भी जिलाधीश से मिलकर उनसे मांग की जाएगी। इस अवसर पर कमल शर्मा कोठारी, योगेश सहदेव, अशोक सैनी, राकेश रविदास नगर, डा. जगमोहन दर्दी भी मौजूद थे।