होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज): डिप्टी कमिश्नर क ोमल मित्तल ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से गेहूं की फसल खरीदने के सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं और किसानों को इस संबंधी कोई मुश्किल पेश नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने इस दौरान किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे गेहूं की नाड़ को आग न लगा कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं। वे आज कृषि विभाग की ओर से आत्मा स्कीम के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप का उद्घाटन करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ संयुक्त डायरेक्टर कृषि(इंजीनियरिंग)इंजीनियर जगदीश सिंह व मुख्य कृषि अधिकारी डा. गुरदेव सिंह भी मौजूद थे। कैंप में कृषि व किसान कल्याण विभाग पंजाब के कृषि माहिरों व कृषि विज्ञान केंद्र की टीम ने किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से परिचित करवाया। इस दौरान कैंप में जिले के अलग-अलग गांवों के किसानों ने भाग लिया।
डिप्टी कमिश्नर ने इस दौरान किसानों को अपील करते हुए कहा कि किसान मंडियों में अपनी उपज ससूखा कर ही लाएं ताकि उन्हें किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस मौके पर उन्होंने फसलों के नुकसान संबंधी कहा कि जिन किसानों का बेमौसमी बारिश के कारण नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट विशेष गिरदावरी में दर्ज करवा कर मुआवजे के लिए सरकार को भेजी जा रही है और फसलों के हुए नुकसान की प्रतिशतता के हिसाब से बनता मुआवजा दिया जाएगा।
मेले के दौरान परमजीत सिंह सचदेवा ने विशेष तौर पर शिरकत की और किसानों को पंजाब की कृषि संबंधी बन रही पालिसी में अपने क्षेत्र के अनुसार कृषि में सुधार संबंधी सुझाव सरकार तक भेजने की अपील की। उन्होंने विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए अपने जिले के कृषि माहिरों के साथ लगातार संपर्क में रहने पर जोर दिया।
कैंप के दौरान विशेष तौर पर उपस्थित संयुक्त डायरेक्टर कृषि(इंजीनियरिंग) इंजीनियर जगदीश सिंह की ओर से किसानों को फसली विभिन्नता को अपनाने पर जोर दिया और कहा कि जिले का वातावरण कृषि के लिए बहुत अनुकूल है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों की मार्केटिंग को ध्यान में रखते हुए इस फसलों की योजनाएं बनाएं और अधिक से अधिक प्राकृतिक ोतों को संभालने वाले फसली चक्र अपनाएं। उन्होंने किसानों को जरुरत के अनुसार ही कृषि मशीनरी की खरीद व खरीद के बाद मशीनरी का पूर्ण प्रयोग करने की अपील की। इस कैंप में उनकी ओर से जिला होशियारपुर के अलग-अलग ब्लाकों के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया।
कैंप को संबोधित करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डा. गुरदेव सिंह ने कृषि विभाग की गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला और किसानों को अपील की कि वे फसलों के अवशेषों के अवशेषों का योग्य प्रबंध करने में कृषि व किसान कल्याण विभाग की ओर से मुहैया करवाई गई कृषि मशीनों का पूरा लाभ उठाने व किसान भूमि परीक्षण के आधार पर प्राप्त किए भूमि स्वास्थ्य कार्ड अनुसार ही खादों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि कृषि इनपुट की क्वालिटी किसानों तक पहुंचाने के लिए इन इनपुट्स का समय-समय पर विभाग की ओर से सैंपल भरे जाते हैं।
उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुप$सोसायटियां बनाकर कृषि करनी चाहिए ताकि बिना जरुरत के खर्चों से बचा जा सके। कैंप के दौरान जिला प्रशिक्षण अधिकारी डा. हरशरनजीत सिंह, जिला के समूह कृषि अधिकारी व कर्मचारी, कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर डा. मनिंदर सिंह बौंस व उनकी टीम, लीड बैंक मैनेजर तरसेम सिंह, परमजीत सिंह ढट्ट, सुरिंदर सिंह के साथ-साथ जिले के अलग-अलग गांवों से भारी गिनती में किसानों ने शमूलियत की। कैंप में अलग-अलग सैल्फ हैल्प ग्रुपों व विभागों की ओर से प्रदर्शनी स्टाल भी लगाए गए थे।