जिला एवं सत्र न्यायधीश ने की जिला लीगल सर्विस अथारिटी के सदस्यों के साथ बैठक

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरपर्सन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल ने आज जिला लीगल सर्विस अथारिटी के सदस्यों के साथ बैठक की। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल व एस.एस.पी सरताज सिंह चाहल भी विशेष तौर पर मौजूद थे। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस दौरान नालसा से संबंधित योजनाओं को सुचारु  ढंग से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से दी जा रही नि:शुल्क कानूनी सेवाओं की समीक्षा की व बताया कि जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से नि:शुल्क कानूनी सहायता मुहैया करवाई जा रही है, जिसका जिला वासियों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।
जिला एवं सत्र न्यायधीश ने डिप्टी कमिश्नर को कहा कि वे संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे कि सडक़ दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के आश्रित को जारी होने वाला डिपेंडेंट सर्टिफिकेट जल्द से जल्द जारी किया जाए ताकि कंपनसेशन टू विक्टिम के अंतर्गत मृतक के आश्रितों को मिलने वाला दो लाख रुपए का मुआवजा समय पर मिल सके। उन्होंने पुलिस को कहा कि दुर्घटना के किसी मामले में अगर जिले की किसी अदालत में सजा होती है तो 40 प्रतिशत के ज्यादा इंजरी के मामले में पीडि़त पक्ष को मुआवजा देने का प्रावधान होता है। इस लिए ऐसे मामलों में अदालत से कहकर उसे जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी को भेजा जाए ताकि पीडि़त पक्ष को कंपनसेशन टू विक्टिम के अंतर्गत मुआवजा दिलाया जा सके।  इसके अलावा उन्होंने पुलिस को पाक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज होने वाले मामलों की एफ.आई.आर अथारिटी को भेजने के निर्देश दिए ताकि पीडि़त को एक्ट के अंतर्गत मुआवजा दिलवाया जा सके।

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जिला एवं सत्र न्यायधीश ने डिप्टी कमिश्नर को बताया कि 13 मई को लगने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में रेवेन्यू बैंचेज भी बनेंगे, इस लिए संबंधित विभागों को अधिक से अधिक केस के अलावा बिजली, जल सप्लाई, नगर निगम व नगर परिषद, बैंक आदि अधिक से अधिक प्री लिटिगेटिव केस लाने की हिदायत दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को लोक अदालत का अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में हर तरह के दीवानी, लेबर, ट्रैफिक चालान व कम गंभीर फौजदारी केसों को आपसी व सहमति से निपटाने के लिए सुना जाएगा। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे 13 मई को लगने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक केस लगाकर इसका लाभ उठाएं। इससे समय व धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के फैसले को दीवानी डिकरी की मान्यता प्राप्त होती है।
 दिलबाग सिंह जौहल ने बताया कि 12 फरवरी 2023 को लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालतों में 7475 केसों की सुनवाई हुई व 4886 केसों का मौके पर निपटारा किया गया और कुल 12,96,55,644 रुपए के अवार्ड पास किए गए। इसी तरह 18 मार्च को लगी स्टेट लोक अदालतों जिनमें फैमिली व लैंड एक्योजेशन व एम.आई.सी.टी के मामले थे, में 106 केस रखे गए व 97 लाख 29 हजार 405 रुपए की सैटलमेंट की गई।
 इस दौरान सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से जनवरी से मार्च तक 287 लोगों को लीगल एड, 138 लोगों को लीगल एडवाइज दी गई। इसके अलावा अथारिटी की ओर से 166 सैमीनार, मीडिएशन व कंसलीएशन सैंटर में 34 मामलों को हल व केंद्रीय जेल में कैंप कोर्ट के माध्यम से 42 केस ऑन द स्पॉट डिसाइड किए गए व दोषी रिहा किए गए।
बैठक में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जतिंदर पाल सिंह खुरमी, सी.जे.एम. पुष्पा रानी, सी.जे.एम.-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी, अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन एडवोकेट आर.पी. धीर, जिला अटार्नी वरिंदर कुमार, सहायक लोक संपर्क अधिकारी लोकेश कुमार, आज्ञापाल सिंह साहनी व दर्शन कौशल भी मौजूद थे।

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