व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू किया गया, पहली बार दाग़ी मुलाज़िम हटाए गए

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। गेहूँ की खरीद प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता को यकीनी बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर कार्रवाई करते हुये राज्य में चल रहे गेहूँ के खरीद सीजन के दौरान व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वी. टी. एस.) लागू किया गया है। अब तक 26,250 ट्रांसपोर्ट वाहनों में जी. पी. एस. यंत्र लगाए गए हैं जो मंडी से गोदामों तक वाहनों की आवाजाही को ट्रैक करने में मदद करते हैं। वी. टी. एस. के द्वारा 95,421 से अधिक ऑनलाइन गेट पास जारी किये गए हैं और मैनुअल पासों को जारी करना बंद कर दिया गया है।

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इन विवरणों को सांझा करते हुये ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज बताया कि यह पहली बार है कि पंजाब में अनाज की खरीद सम्बन्धी कामों के लिए वी. टी. एस. को लागू किया गया है। इससे विभाग को ट्रकों की आवाजाही पर नज़र रखने में मदद मिल रही है जिससे गेहूँ सम्बन्धी घपलेबाज़ी, रीसाइक्लिंग और दूसरे राज्यों से नाजायज तौर पर गेहूँ लाने की किसी भी संभावित कोशिश को तुरंत रोका जा सके। इसके इलावा यह वाहनों के सर्वोत्तम प्रयोग में मदद करता है क्योंकि यह अधिकारियों को ट्रकों की लोडिंग और अनलोडिंग की निगरानी करने में मदद करता है। मंत्री ने आगे कहा कि यह प्रणाली जाली खरीद को ख़त्म करने में मदद करेगी और आने वाले धान के सीजन में दूसरे राज्यों से धान की रीसाइक्लिंग को रोकने के लिए भी बहुत लाभदायक होगी।

भ्रष्टाचार पर नकेल डालने के लिए विभाग द्वारा हर स्तर पर किये जा रहे यत्नों के बारे विस्तार से जानकारी देते हुये मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशों पर पहली बार चार खरीद एजेंसियों मार्कफैड्ड, पनग्रेन, पी. एस. डब्ल्यू. सी. और पनसप के सभी दाग़ी मुलाजिमों को विशेष तौर पर गेहूँ की स्टोरेज के लिए कोई ड्यूटी देने से मनाही की गई है। यह वे अधिकारी हैं जिनके विरुद्ध गेहूँ या धान की खरीद/स्टोरेज में हुए नुकसान की वसूली के लिए आदेश दिए गए हैं या विचाराधीन हैं।

मंडियों में गेहूँ की खरीद पर टिप्पणी करते हुये मंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले एक हफ्ते से सबसे अधिक आवक देखने को मिल रही है और लगभग 10 दिनों के बहुत कम समय में 60 प्रतिशत से अधिक गेहूँ मंडियों में आ चुकी है। सरकार ने इस चुनौती का सामना करते हुये गेहूँ की उचित खरीद प्रक्रिया को यकीनी बनाया और किसानों के खातों में सीधे तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की पूरी रकम का तुरंत भुगतान किया जा रहा है।

उन्होंने खुलासा किया कि शनिवार शाम तक लगभग 3.54 लाख किसानों के खातों में 11,000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा की गई है। मंडियों में से लिफ्टिंग की प्रक्रिया के बारे मंत्री ने कहा कि एफ. सी. आई. द्वारा थोड़े समय के लिए गेहूँ को खुले गोदामों में स्टोर करने की इजाज़त देने के बाद कल एक दिन में मंडियों में से 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक की लिफ्टिंग की गई है। इसलिए लिफ्टिंग प्रक्रिया सुचारू ढंग से जारी रहेगी। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है और हर किसान को बिना किसी कटौती से न्यूनतम समर्थन मूल्य की अदायगी करना यकीनी बनाया जा रहा है।

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