नारायण नगर में धनाड्य लोग खुद सेरेंडर करें नीले कार्ड: सुमेश सोनी, सेवा प्रमुख के नाते भरे थे सरकारी योजनाओं के फार्म: मेहरा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आम आदमी पार्टी नेता सुमेश सोनी ने एक बार फिर मोर्चा खोलते हुए वार्ड नंबर 4 के पार्षद अशोक मेहरा पर हमला बोलते हुए वार्ड के कुछ धनाड्य लोगों के नीले कार्ड बनाए जाने के आरोप लगाए हैं। पत्रकारवार्ता में बातचीत करते हुए सुमेश सोनी ने कहा कि उनके पास उन धनाड्य लोगों के नामों की लिस्ट है, जिन्होंने मिलीभगत करके नीले कार्ड बनाए और गरीबों के हक पर डाका डाला। अगर, इन लोगों ने एक सप्ताह के भीतर खुद कार्ड सेरेंडर न किए तो वह एक बार फिर से पत्रकारवार्ता करके सभी के नाम सार्वजनिक करेंगे।

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कहा, पंजाब सरकार और मंत्री जिम्पा खुद मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करवाकर गरीबों का हक मारने वालों पर कार्यवाही करें सुनिश्चित

सुमेश सोनी ने कहा कि जब यह सारा खेल खेला गया उस समय अशोक मेहरा पार्षद नहीं थे और मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा थे व पार्षद चुनाव नजदीक थे। उस समय मंत्री अरोड़ा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अशोक मेहरा के माध्यम से गरीबों के हक पर डाका डालते हुए धनाड्य लोगों के नीले कार्ड बनाए। यहां तक कि मेहरा ने अपने घर के बाहर कैंप लगाकर नीले कार्डों संबंधी प्रक्रिया पूरी करवाई और जब नीले कार्ड बन गए तो लोगों को यह कहकर वितरित किए गए कि अगर उन्होंने उसे वोट न डाली तो उनके कार्ड रद्दकर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब नीला कार्ड बनाया जाता है तो परिवार की तरफ से स्वैघोषणा पत्र दिया जाता है कि वह गरीब हैं व वे जो कह रहे हैं वह सत्य है। अगर, यह झूठ हो तो उनका कार्ड रद्द किया जाए व कानूनी कार्यवाही की जाए। सुमेश सोनी ने बताया कि जिन लोगों के कार्ड बनाए गए हैं उनमें कोई शर्मा परिवार, कोई गुप्ता परिवार, कोई खत्री परिवार, कोई जैन परिवार तो कोई सर्राफ कारोबारी शामिल हैं व सभी अमीर लोग हैं। जिनके बड़े-बड़े घर हैं व एसी लगे हैं व कारें खड़ी हैं।

पूर्व मंत्री अरोड़ा ने ऊपरी स्तर पर और उसके पार्षद मेहरा ने निचले स्तर पर किए घपले, जांच जरुरी

जिन्हें डिपो पर दाने लेने जाते समय शर्म आती है और वे डिपो होल्डर को कहते हैं कि जब सभी चले जाएं तो उन्हें बता दिया करे, ताकि वह दाने ले जाएं। सोनी ने कहा कि अगर इन लोगों को इतनी ही शर्म आती है तो उन्होंने पार्षद के साथ मिलीभगत करके कार्ड बनाकर गरीबों का हक क्यों मारा। उन्होंने कहा कि वह आज भी यही कहते हैं कि नारायण नगर के लोग बहुत भोले हैं और वह इसके पीछे लगे हुए हैं, जिन्हें अपने लाभ के लिए पार्षद अशोक मेहरा इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले ही नारायण नगर के कुछ गरीब लोग, उनके पास आए थे कि उनके नीले कार्ड बनाए जाएं। इसके बाद उन्होंने मंत्री जिम्पा के साथ बात की। लेकिन उस समय पोर्टल बंद था तथा पोर्टल खुलने पर उनके कार्ड बनवाए जाएंगे। लेकिन दुख की बात है कि जिन लोगों को जरुरत थी, उनके कार्ड तो बने नहीं, लेकिन जो शराब कारोबारी, कोई विदेश गया है तो कोई कई एकड़ जमीन का मालिक है व एफसीआई जैसे विभागों से रिटायर्ड हैं के कार्ड बनवा दिए गए। अगर इनके कार्ड न बनते तो गरीबों को आज परेशान न होना पड़ता।

सुमेश सोनी ने कहा कि जिस मंत्री ने खुद इतने घोटाले किए और जेल भी जा चुका है, उस मंत्री ने अपने पार्षद से कितने घोटाले करवाए होंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पूर्व मंत्री अरोड़ा गलत काम करता था, इसलिए उन्होंने उनका साथ नहीं दिया और जिम्पा जोकि एक ईमानदार व्यक्ति हैं का साथ देना उचित समझा था। आज वह मंत्री जिम्पा और पंजाब सरकार से अपील करते हैं कि वह सिर्फ नारायण नगर ही नहीं बल्कि होशियारपुर विधानसभा में बनाए गए नीले कार्डों की गहनता से जांच करवाई जाए ताकि जनता को पता चल सके कि पूर्व मंत्री ने खुद व अपने पार्षदों के माध्यम से कितने गलत काम करवाए हैं और कितने धनाड्य लोगों के नीले कार्ड बनवाए हैं। सोनी ने विनय शर्मा एवं राजन का नाम लेते हुए कहा कि यह पार्षद मेहरा के करीबी हैं और इनमें विनय का व राजन के भाई का नीला कार्ड बना है तथा मेहरा ने विनय को तो पूर्व मंत्री से 2 लाख की ग्रांट भी दिलवाई थी, जिसका हिसाब भी लिया जाए। सोनी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश में ईमानदार भगवंत मान की सरकार है और सरकार व मंत्री जिम्पा इस घपले का पर्दाफाश करके गरीबों का हक मारने वालों पर कानूनी कार्यवाही जरुर करेंगे।

किसी को ग्रांट नहीं दिलवाई, कोई करीबी है तो क्या वह जरुरमंद नहीं हो सकता: पार्षद मेहरा

इस संबंध में बात करने पर अशोक मेहरा ने कहा कि 2019 में जब कार्ड बने तो उन्होंने सेवा प्रमुख होने के नाते उन्होंने न सिर्फ नीले कार्ड संबंधी बल्कि आयुषमान एवं पैंशन आदि के फार्म भरने संबंधी कैंप लगाए थे ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि सेवा प्रमुख के नाते उन्होंने सिर्फ फार्म भरे थे और इस उपरांत संबंधित विभाग को भेजे थे। विभाग के अधिकारियों ने जांच करके कार्ड बनाए थे। इसमें उनका कोई रोल नहीं है। जहां तक विनय की बात है वह जरुरतमंद परिवार है। क्योंकि, उसके पिता नहीं हैं और माता बीमार रहती हैं। वह प्राइवेट नौकरी करता है व घर का खर्च काफी मुश्किल है। अगर ऐसे जरुरतमंद का कार्ड नहीं बनेगा तो किसका बनेगा।

उन्होंने कहा कि विनय शर्मा अगर सोसायटी का प्रधान है तो क्या यह गलत ह और उन्होंने उसे कोई ग्रांट नहीं लेकर दी। पार्षद मेहरा ने कहा कि हाल ही में मौजूदा सरकार ने नीले कार्ड संबंधी सर्वे करवाया तो अगर कार्ड गलत थे तो काट गिए जाते। जहां तक उनके करीबी राजीव या किसी अन्य का सवाल है तो क्या उसका भाई जरुरतमंद नहीं हो सकता। पार्षद मेहता ने कहा कि एक सप्ताह का समय ही क्यों, बल्कि श्री सोनी को जल्द से जल्द ऐसे लोगों के नाम उजागर कर देने चाहिए।

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