-ईलाज के नाम पर विकलांग बेटी को पहुंचाया दयनीय हालत में-घर की क्लह से तंग महिला ने दीपावली न मनाने का किया फैसला-इंसाफ दिलाने के लिए देंगे हर कुर्बानी: परशुराम सेना
होशियारपुर। धर्म परिवर्तन के नाम पर एक परिवार से लाखों रुपये खुर्दबुर्द करने व ईलाज के नाम पर विकलांग बेटी को दयनीय हालत में पहुंचाने का समाज के हिला देने वाला समाचार प्रकाश में आया है। पीडि़त परिवार की महिला रीटा जोशी पत्नी बिमल जोशी निवासी कृष्णा नगर ने प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि उसके परिवार में इकलौती बेटी अंबिका जोशी है, जोकि विकलांग होने के कारण दसवीं कक्षा की शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाई। श्रीमती जोशी ने बताया कि उसके पति खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में ए.एफ.एस.ओ. के पद से वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त हुए थे। उसने बताया कि बेटी के ईलाज के दौरान कुछ ईसाई मिशनरियों ने उसके पति के साथ संपर्क किया और उनकी विकलांग बेटी के ईलाज के नाम पर उसके पति को पूरी तरह से गुमराह कर दिया। उसके पति उक्त मिशनरियों के जाल में फंसकर जहां सेवा मुक्ति के दौरान करीब 20-25 लाख रुपये की राशि भी गंवा बैठे और बेटी की हालत आगे से भी दयनीय हो गई, जोकि इस समय बिस्तर पर है और चलने फिरने में पूरी तरह से असमर्थ हो चुकी है। दोनों ने धर्म का अंतर होने के कारण अकसर घर में झगड़ा रहता है और उसके पति उक्त मिशनरियों के दवाब में आकर उसे भी धर्म परिवर्तन को मजबूर कर रहे हैं। पीडि़त महिला के मुताबिक आए दिन मिशनरी उनके घर में आकर उसे परेशान करते हैं और बेटी के ईलाज के नाम पर उन्हें प्रताडि़त करते हैं। इसके अलावा घर में तनाव होने के कारण उसे भी ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर कर रहे हैं। टूट रहे परिवार से प्रभावित महिला ने जिला प्रशासन व पुलिस से आग्रह किया है कि उसके परिवार को धर्म के नाम पर तोडऩे वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उनसे उनके खुर्द बुर्द किए गए रुपये वापस दिलाए जाएं। रीटा जोशी ने कहा है कि उसके पति अपनी पैंशन का पूरा पैसा भी उक्त मिशनरियों के कहने पर खर्च कर देते हैं जिस कारण उसे विकलांग बेटी के साथ जीने के लिए घर का गुजारा करने के लिए एक छोटी सी दुकान खोल रखी है। पीडि़त महिला ने यह कहकर सभी को हैरत में डाल दिया कि उक्त कारणों के चलते इस बार दीपावली नहीं मनाने का फैसला लिया है। उसका कहना था कि वह हिन्दू धर्म के अनुसार घर में पूजा पाठ करती है, जबकि उसके पति उक्त मिशनरियों के कहने पर उसे पूजा पाठ करने से वर्जित करते हैं, जोकि असहनीय है। पत्रकार सम्मेलन में उपस्थित परशुराम सेना के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा व उनकी टीम ने घोषणा की है कि अगर उक्त पीडि़त परिवार को जिला पुलिस व प्रशासन ने शीघ्र इंसाफ नहीं दिलाया तो वह इस परिवार को इंसाफ देने के लिए हर संभव प्रयास और हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर ब्राह्मण कल्याण परिषद के अध्यक्ष के.सी. शर्मा, हिन्दू संघ के नरिंदर परछा, गरप्रीत सिंह, पंकज बेरी, रवि शर्मा, भूषण शर्मा, हरि तनेजा व सुरिंदर कुमार बीटन इत्यादि मौजूद थे।
ब्राह्मण को बनाया ईसाई और परिवर्तन के बाद लाखों रुपये किए खुर्दबुर्द
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