अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व वशिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि देश के रक्षामंत्री जी से यह निवेदन भी है और राष्ट्र हित में यह परामर्श भी है कि जितने भी विद्यार्थी दसवीं के बाद स्कूलों-कालेजों में पढ़ते हैं उन सबके लिए एनसीसी का प्रशिक्षण और कम से कम एक साल तक एनसीसी में रहना आवश्यक कर दिया जाए। आज देश और समाज की जो स्थिति है उसके अनुसार हर नागरिक को शस्त्रों का ज्ञान और शारीरिक दृष्टि से मजबूत होना बहुत जरूरी है। वैसे यह बड़े दुख और आश्चर्य की बात है कि देश में जितने भी संस्कृत कालेज चल रहे हैं वहां कभी भी एनसीसी का प्रशिक्षण नहीं दिया गया और न ही वहां कोई ऐसी सुविधा है कि संस्कृत कालेज के विद्यार्थी एनसीसी का विषय ले सकें।
प्रशिक्षण लें और शिक्षा के पश्चात जब वे मंदिरों में या अन्य धार्मिक संस्थाओं में पुजारी, पुरोहित बनकर जाते हैं तो वे शस्त्रों में भी प्रवीण हों, जिससे समाज विरोधी और देश विरोधी तत्वों का वे सामना भी कर सकें और अपने मंदिरों की रक्षा भी कर सकें। अब वह समय नहीं रहा कि पुजारी केवल पूजा करते रहें और आक्रांता हमारे मंदिरों का अपमान करें, मंदिरों को तोड़ें, लूटे जैसा देश के कई भागों में हो रहा है। पाकिस्तान और बंगलादेश में तो हो ही रहा है, पर अपने देश में न हो यह हमें ध्यान रखना है। भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी यह बहुत जरूरी है कि कालेजों में एनसीसी आवश्यक विषय के रूप में रखी जाए, जिससे हमारे विद्यार्थी शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुर्ण हो सकें।