हमें जो शरीर मिला है यह भगवान की अनुकंपा है: आचार्य चंद्र मोहन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम में सप्ताहिक सत्संग के दौरान भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आचार्य चंद्र मोहन जी महाराज ने कहा कि सद्गुरु चमन लाल जी महाराज कहा करते थे कि गुरु के बिना कुछ नहीं होता योग तो गुरु के बिना हो ही नहीं सकता उन्होंने कहा कि हमें जो शरीर मिला है यह भगवान की अनुकंपा है इसकी संभाल अगर हम नहीं करते तो हम भगवान के अपराधी हैं। जिस तरह से शरीर की बाहरी सफाई के लिए हम प्रतिदिन स्नान करते हैं उसी तरह हमें अपने शरीर की भीतर से भी सफाई रखनी होगी| उन्होंने कहा कि हम आश्रम में योग के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं और बार-बार योग करने की बात को दोहराया जाता है

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क्योंकि माना गया है कि जिस चीज को बार बार कहा जाए उसका धीरे-धीरे असर होने लगता है उन्होंने कहा कि लोग आश्रम में आते हैं लेकिन उनमें से कितने योग करके आते हैं यह देखने की बात है आश्रम में बच्चे बूढ़े सभी योग के लिए प्रतिदिन आते हैं रविवार को सत्संग के दौरान केवल उन्हें योग के प्रति प्रेरित किया जाता है उन्होंने कहा कि योग करने वाला दुखी भी हो सकता है बीमार भी हो सकता है अगर हम दुखी नहीं होना चाहते तो हमेशा योग के साथ साथ अपने आहार व्यवहार और अनुपान का भी ध्यान रखना होगा उन्होंने कहा कि योग करने वाला लंबी आयु जीता है| यह शरीर हमें मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है

लेकिन कुंडली जागृत करने के लिए हमें मुद्राएं करनी होंगी और उसके लिए बंध करने होंगे लेकिन अगर हम कुछ साधन ही कर ले तो भी हम शरीर को ठीक रख सकते हैं उन्होंने कहा कि अगर हम अपने दैनिक जीवन के दूसरे काम करना नहीं भूलते तो योग के साधन करना कैसे भूल सकते हैं पहले लोग अपने आहार व्यवहार और अनुपान को ठीक रखकर लंबी आयु व्यतीत करते थेलेकिन आजकल हमारा खान-पान  बिगड़ गया है ना हम समय पर खाते हैं ना ही हमारा भोजन सात्विक है हमें इन चीजों की तरफ अवश्य ध्यान देना चाहिए

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