होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़) समीर सैनी। विधानसभा हलका होशियारपुर कोई मामूली हलका नहीं है, यह हलका उस विधायक का है जो पंजाब सरकार में दोआबा क्षेत्र से एकमात्र मंत्री हैं। उनके हलके में नियमों को धत्ता बताते हुए शराब कारोबारियों द्वारा मनमर्जी से काम को अंजाम देकर सरकार के ईमानदारी के दावों को छक्के पर टांगकर खूब माल बटौरा जा रहा है। आलम ये है कि विभाग के अधिकारियों को जानकारी दिए जाने के बावजूद कार्यवाही का न होना कथित मिलिभगत की तरफ इशारा करके सारी बात साफ कर देता है।
हाल ही में द स्टैलर न्यूज़ द्वारा नियमों के विपरीत हाई-वे पर खुले ठेकों और बिना कीमत डिसप्ले किए मनमर्जी के दाम वसूलने संबंधी मामला उजागक किया था तथा उस दौरान अधिकारियों का कहना था कि इस मामले में जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन दुख की बात है कि गहरी नींद में सो रहे अधिकारी शायद नींद से जागना जरुरी नहीं समझ रहे। जिसके चलते जहां सरकार को टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं कथित मिलीभगत के खेल में कुछ लोग खूब मालामाल हो रहे हैं। ताजा जानकारी अनुसार शहरी इलाके में शराब की जिस बोतल की कीमत 650 रुपये है वही वार्डर इलाके में या शहर के बाहरी क्षेत्रों में 300 से 350 रुपये में बेची जा रही है यानीकि 50 फीसदी का अंतर।
भले ही इसे प्रतियोगितावाद का नाम देकर बचने के प्रयास किए जाते हों, लेकिन कहीं न कहीं इसमें बहुत बड़ा झोल जरुर है। हमने पहले भी कहा था कि इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार को टैक्स के रुप में प्राप्त होने वाले राजस्व में बहुत बड़ा हिस्सा शराब से प्राप्त टैक्स का होता है तथा कई मामलों को विभाग द्वारा अनदेखा करना भी पड़ता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या नियमों का उलंघन करवाकर तथा माननीय अदालत के आदेश को भी लागू न करवाकर कौन सा भाईचारा निभाया जा रहा है, ये बात समझ से परे है। होशियारपुर-माता चिंतपूर्णी मार्ग पर हाई-वे पर खुले शराब के ठेके इसकी ताजा उदाहरण हैं। अब इंतजार तो इस बात का है कि आखिर विभाग कब कार्यवाही करके नियमों को तहत काम को यकीनी बनाता है और इस मिलीभगत के खेल से कब पर्दा उठता है।