होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिफेंस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कमल चौधरी ने चंद्रयान -3 मिशन के सफल होने को भारत की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है। चौधरी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही रूस को इस क्षेत्र में असफलता मिली थी। उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब दूसरे ग्रहों की खोज में मदद मिलेगी।इसके सफल होने पर भारत अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी की कतार में खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश की 135 करोड़ के करीब जनता इसके सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना कर रही थी और उन्हें इस बात का गर्व है कि अब भारत खगोल के क्षेत्र में भी एक विश्व शक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर अपने सोलर पैनल खोलकर चल रहा है। यह मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप भी छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने इस सफलता के लिए दिन-रात मेहनत की। उन्होंने कहा कि इसरो की यह तीसरी कोशिश थी जो कामयाब रही। 2008 और 2019 में हम कामयाबी के करीब पहुंचकर भी सफल नहीं हो सके थे।
लेकिन इस बार विज्ञानको ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। चौधरी ने कहा कि अब अगले 14 दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। इस मिशन के सफल होने से भारत ने दुनिया भर का भरोसा जीता है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज करना है। जहां पानी की मौजूदगी बर्फ के रूप में भी हो सकती है। जहां बर्फ भविष्य के चंद्रमा मिशन और चंद्रमा कॉलोनी के लिए ऑक्सीजन ईंधन और पानी का सोर्स हो सकती है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी के बाहर चांद ही एक ऐसा खगोलीय पिंड है जहां इंसान पहुंच सकता है। अगर चंद्रमा नहीं होता तो शायद धरती भी नहीं टिक पाती। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में खुले दिल से भारत की इस उपलब्धि की सराहना की जा रही है। रूस अमेरिका चीन के बाद भारत अपने मिशन में सफल रहा है।