नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर, राज्य और देश दोनों को फिर से गौरवान्वित करने का सुनहरा अवसर दिया: ओमकार कालिया

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया: विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को शिव सेना उद्धव बाला साहिब ठाकरे के प्रदेश प्रवक्ता ओमकार कालिया ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि नीरज ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य और देश दोनों को फिर से गौरवान्वित करने का सुनहरा अवसर दिया है। मंगलवार को पत्रकारों से विशेष बातचीत में ओमकार कालिया ने हर खेल में, चाहे क्रिकेट, फुटबाल या हॉकी हो या फिर ओलंपिक का कोई खेल हो सभी में, राजनीतिक हस्तक्षेप इतना अधिक हो गया है कि योग्य खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता है। इस राजनीतिक वर्चस्व से मुक्ति के लिए इन खेलों में सिर्फ भूतपूर्व खिलाड़ियों को ही बागडोर देनी होगी। राजनेताओं को इन सबसे दूर रखना होगा।

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सरकार को यह नियम बनाना ही होगा कि किसी भी खेल संघ में कोई भी राजनेता अथवा उसके परिवार का व्यक्ति किसी भी पद पर आसीन न हो। तब ही खेल संघ को तमाम सुविधाएं जैसे आर्थिक सहायता, मैदानी सुविधाएं इत्यादि मिल पाएंगी। कालिया ने कहा कि चार दशक में पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में किसी भारतीय का देश की झोली में स्वर्ण पदक डालना वाकई नया इतिहास रचने से कम नहीं है। नीरज चोपड़ा का जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतना सूखे में बरसात की बूंदों के समान ही माना जाएगा। पिछली प्रतियोगिता में देश को पहला रजत पदक दिलाने का करिश्मा भी नीरज ने ही किया था। नीरज ने अपनी उपलब्धि से भारतीयों में खुशी की लहर पैदा की है, लेकिन कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

सबसे अहम सवाल यह है कि दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश खेलों में वह मुकाम हासिल क्यों नहीं कर पाया जिसका वह हकदार है? क्या हमारे यहां खेल का माहौल नहीं है या फिर सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते। कालिया ने कहा कि ये सवाल इसलिए उठते हैं क्योंकि विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब तक पदक पाने वाले देशों की सूची में भारत बहुत पीछे है। महज पांच करोड़ की आबादी वाला देश केन्या 127 स्वर्ण पदक के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।वहीं एक करोड़ की आबादी वाला देश क्यूबा विश्व चैंपियनशिप में 22 स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाल चुका है। ओलम्पिक खेलों की बात की जाए तो वहां भी भारत का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है। ओलम्पिक खेलों के इतिहास में हॉकी के अलावा हमें अब तक दो स्वर्ण पदक ही मिले हैंं। कालिया ने कहा कि नीरज चोपड़ा की उपलब्धि बताती है कि सही नीयत से प्रयास किए जाएं तो खेलों में भी हमारी अलग पहचान बन सकती है।

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