भगवान भी आशीर्वाद उन्हें प्रदान करते हैं जो उनके नियमों पर चलते हैं: आचार्य चंद्र मोहन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन में साप्ताहिक सत्संग के दौरान भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आचार्य चंद्र मोहन जी ने कहा कि सत्संग में बैठने का मौका किस्मत वालों को ही मिलता है। सतगुरु चमन लाल जी महाराज कहा करते थे कि हमने सत्संग में आकर कुछ ना कुछ ग्रहण करके जाना है, खाली हाथ नहीं लौटना। उन्होंने कहा कि भगवान भी आशीर्वाद उन्हें प्रदान करते हैं जो उनके  नियमों  पर चलते हैं। भगवान कृष्ण ने कहा था कि योग मार्ग को दिखाने के लिए सतयुग में उन्होंने मनु महाराज को चुना और कलयुग में योग सिखाने के लिए प्रभु रामलाल जी महाराज ने अवतार लिया।

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अब हमने योग के मार्ग पर चलना है। योग हमें मनुष्य जन्म के शिखर पर ले  जाएगा। मनुष्य जीवन की सफलता के लिए हमने निरंतर प्रयास करना है। यह रास्ता लंबा है लेकिन अगर प्रयास करते रहेंगे तो मंजिल तक जरूर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि सृष्टि में कोई चीज स्थिर नहीं है। सब कुछ निरंतर चलता रहता है। मनुष्य जन्म मोक्ष के लिए है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि कर्म से बंधन मिलता है। लेकिन कर्म योग से मुक्ति मिलती है। सत्संग सीखने के लिए होता है। उन्होंने कहा कि हठयोग शरीर के लिए है हमने इससे कुंडली जागृत करनी है।

राजयोग से वृत्तियों का निरोध करना है। भक्ति योग में भगवान के दर्शन करके उसमें समाने का प्रयास करना है। भगवान कृष्ण गृहस्थमय योग लाए हैं इसके लिए जंगलों में जाने की जरूरत नहीं है। कर्म करने के साथ-साथ योग भी करो। उन्होंने कहा कि जब हम योग के मार्ग पर अगरसर होते हैं तो विपरीत शक्तियां भी हमारे पीछे लग जाती है। उनसे बचना होगा। उन्होंने कहा कि आलस और प्रमाद हमारे दो बड़े शत्रु हैं। यह हमें योग नहीं करने देते। हमें कम से कम प्रतिदिन एक घंटा योग  जरूर करना चाहिए। इस काम में कोई बहाना नहीं होना चाहिए

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