’वक्फ़ बोर्ड’ को देश की भूमि हड़पने के असीमित अधिकार देने वाला वक्फ एक्ट भंग करे मोदी सरकारः अशवनी गैंद 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वक्फ बोर्ड द्वारा हो रहे ’लैंड जिहाद’ के षडयन्त्र को रोकने के लिए वक्फ अधिनियम एक्ट-1995 को तत्काल निरस्त करे मोदी सरकार, उक्त विचार नई सोच वैल्फेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष अशवनी गैंद ने एक मीटिंग दौरान कहे। मीटिंग में सबसे पहले भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का महिला आरक्षण कानून बनाने के लिए धन्यवाद किया गया और अपील की गई कि जिस तरह से आपने देश हित में कई महत्वपूर्ण कानून पास कियें उसी तरह हिन्दुओं की सम्पति छीनने का हथियार बने असंवैधानिक ’वक्फ’ अधिनियम 1995 को निरस्त करते हुये वक्फ बोर्ड को तत्काल भंग करे।

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श्री गैंद ने बताया कि वक्फ बोर्ड का कानून 1995 में बनाया गया जो कि कांग्रेस सरकार ने सिर्फ एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए बनाया, कानून के सैक्शन-14 के अधीन बोर्ड ऑफ को-कम्पोजिशन बनाया जिसके अनुसार इसमें 7 मैंबर लेंगे। 7 मैंबर ही मुस्लिम वर्ग के होंगे। सभी सदस्यो को हक है कि किसी भी प्रापटी पर अपना हक जमा सकते है यह कहकर कि आपके दादे-परदादे ने दान दे रखी है और इसकी सुनवाई नही है। यह कानून लोकतन्त्र के खिलाफ है और इसी के तहत वक्फ बोर्ड द्वारा मुसाफिर की तरह काम किया जा रहा है जैसे 2009 में बोर्ड के पास 400000 एकड़ संपति थी और 2020 में यह बढ़कर 800000 एकड़ हो गई।

सरकार को चाहिए कि इसको भंग करके वक्फ बोर्ड की ज़मीनों पर सरकारी अधिकार जमाये और जिन ज़मीनों पर समाजिक संस्थायें या धार्मिक संस्थाओं द्वारा समाजिक कार्य किये जा रहे हैं उनके हवाले करे ताकि उनको भारी भरकम किराये देने से बचाया जा सके। इस अवसर पर राजन गुप्ता मिंटु, हैप्पी गुप्ता, अमन सेठी, राजेश शर्मा, नीरज गैंद, शिवपाल, इन्द्रजीत सिंह, मनी कपूर, समीर, रिक्की, पंकज, बिंदर, राकेश कुमार, राजीव कुमार, सोनू, जट्ट, बलजिंदर आदि उपस्थित थे।  

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