बाल आयोग के चेयरमैन द्वारा जालंधर में हुयी घटना की निंदा की

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग के चेयरमैन कंवरदीप ने जालंधर ज़िले में माता-पिता द्वारा आर्थिक तंगी के कारण अपनी 3 मासूम छोटी बच्चियों को ज़हर देकर मारने सम्बन्धी घटी दुखद घटना की निंदा की है। इस घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने कहा कि मासूम छोटी बच्चियों का कत्ल करना बहुत बुरी घटना है और दोषियों को मिसाली सजा मिलनी चाहिए जिससे भविष्य में कोई इस तरह का जुर्म न करे। उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से मुझे बहुत ठेस पहुँची है। चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने लोगों से अपील की कि जो माता-पिता आर्थिक तंगी के कारण बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर सकते वह बच्चों को जान से न मारें, बल्कि बाल कल्याण कमेटियों में सरंडर करें जिससे बच्चों की कीमती जानें बचाई जा सकें। उन्होंने कहा कि बच्चे समाज और राष्ट्र का भविष्य हैं, यह बच्चे बड़े होकर अपने देश का नाम रौशन करते हैं। 

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उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से बच्चों की भलाई के लिए कानून बनाये गए हैं और बच्चों के खि़लाफ़ किसी किस्म का अपराध करने और कानून अनुसार सख़्त से सख़्त सज़ाएं देने का उपबंध है। इसके इलावा जुवेनायल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन एक्ट, 2015 की धारा 35 के अंतर्गत यह भी उपबंध किया गया है कि जो माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर सकते, वह अपने बच्चों को बाल कल्याण कमेटियों में सरंडर कर सकते हैं जिससे बच्चों की जान बच सके। 

उन्होंने कहा कि हर ज़िले में बाल कल्याण कमेटियों के इलावा बाल सुरक्षा यूनिट बने हुए हैं। बच्चों को सरंडर करने सम्बन्धी माता-पिता चाइलड हेल्प लाईन नंबर 1098 पर फ़ोन करके सूचना दे सकते हैं। माता-पिता बच्चों के पालन-पोषण की असमर्थता ज़ाहिर करते हुए नवजात या उससे बड़े बच्चों को बाल कल्याण कमेटियों को सौंप सकते हैं। ज़िक्रयोग्य है कि बाल कल्याण कमेटी की तरफ से सम्बन्धित माता-पिता को दो महीनो का समय दिया जाता है, यदि दो महीनों के बाद भी वह अपने इस फ़ैसले पर अटल रहते हैं तो 6 साल से कम उम्र के बच्चों को जरूरतमंद माता-पिता को गोद लेने की कार्रवाई शुरू करके जरूरतमंद माता-पिता को गोद दे दिए जाते हैं और छह साल से अधिक उम्र के बच्चों का बाल कल्याण संस्थाओं में सरकार द्वारा पालन-पोषण किया जाता है

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