कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से धान की पराली प्रबंधन संबंधी जिला स्तरीय जागरुकता कैंप का आयोजन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। किसानों को धान की पराली प्रबंधन संबंधी जागरुक करने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के जिला स्तरीय प्रसार संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र(के.वी.के) बाहोवाल की ओर से पराली प्रबंधन चेतना यात्रा अभियान के अंर्तगत के.वी.के कैंपस में धान की पराली प्रबंधन संबंधी जिला स्तरीय कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में मुख्य मेहमान के तौर पर पंजाब शेड्यूल कास्ट लैंड डेवलेपमेंट व फाइनांस कार्पोरेशन के चेयरमैन हरमिंदर सिंह संधू ने शिरकत की जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने की। कार्यक्रम में बड़ी गिनती में किसानों ने शमूलियत की। पंजाब शेड्यूल कास्ट लैंड डेवलेपमेंट व फाइनांस कार्पोरेशन के चेयरमैन हरमिंदर सिंह संधू ने संबोधित करते हुए कहा कि पराली संभालना आज के समय की मुख्य जरुरत है। उन्होंने धान की पराली को आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान धान की पराली को आग लगाने के स्थान पर इसको खेल में मिलाएं या बिछाएं, जिससे जमीन के स्वास्थ्य में सुधार हो व वातावरण भी प्रदूषित न हो।

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संधू ने पराली को आग न लगाने के बारे में चलाए गए अभियान में भरपूर योगदान डालने वाले किसानों की प्रशंसा भी की। डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने प्राकृतिक ोतों की संभाल व फसलों के अवशेषों का सुचारु प्रयोग कर वातावरण हितैषी तकनीके अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने पराली की ऊर्जा के लिए व गत्ता बनाने में प्रयोग के बारे में विशेष तौर पर जोर दिया व इस बारे में जिला प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में प्रकाश डाला। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में मौजूदा पराली प्रबंधन मशीनों के सुचारु ढंग से पूरा प्रयोग कर पराली को आग न लगाने के अभियान में अहम योगदान डाला जाए। कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोगी निदेशक(प्रशिक्षण) डा. मनिंदर सिंह बौंस ने किसान कल्याण संबंधी केंद्र की प्रसार गतिविधियों के बारे में जानकारी सांझी की। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से अभियान के रुप में पराली प्रबंधन संबंधी गांवों, स्कूलों, कालेजों में जागरुकता कैंपों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, दीवारों पर पेंटिंग व कृषि साहित्य के माध्यम से गतिविधियां की जा रही हैं।

डा. बौंस ने इस केंद्र में प्रशिक्षण लेकर किसानों को सहायक धंधे अपनाने के लिए प्रेरित किया व फसलों के मूल्य उत्पाद में वृद्धि के लिए प्रोसेसिंग पर भी जोर दिया। किसानों की तकनीकी जानकारी में वृद्धि करने के लिए अलग-अलग विषयों के माहिर, किसानों के साथ रुबरु हुए। एस.एस. रंधावा फल खोज केंद्र गंगिया दसूहा के इंचार्ज डा. सुमनजीत कौर ने फलों की काश्त, सब्जी वैज्ञानिक डा. नवजोत सिंह बराड़ ने सब्जियों की काश्त, कृषि विज्ञान केंद्र के माहिर डा. परमिंदर सिंह ने धान की पराली प्रबंधन, डा. प्रभजोत कौर ने सर्वपक्षीय कीट प्रबंध व डा. सुखविंदर सिंह औलख ने मशरुम की काश्त संबंधी जानकारी सांझी की। पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. हारुन रतन व कृषि विकास अधिकारी होशियारपुर किरनजीत सिंह ने इस मौके पर किसान कल्याण संबंधी विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। वर्ष 2022-23 के दौरान पराली की संभाल के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से अपनाए गए गांव देनोवाल कलां, टूटोमजारा, अजनोहा व फिरोज रौलियां व जिले के प्रगतिशील किसानों को धान की पराली का सुचारु प्रबंधन करने संबंधी विशेष रुप से सम्मानित किया गया।

कृषि विज्ञान केंद्र व अन्य सरकारी विभागों की ओर से कृषि व पराली प्रबंधन संबंधी व अलग-अलग स्व सहायता समूहों के उद्यमियों की ओर से अपने पदार्थों संबंधी प्रदर्शनियां भी लगाई गई। किसानों की सुविधा के लिए गेहूं, सरसों, बरसीम, तारामीरा, तोरिया, प्याज, सब्जियों की किट, दालें, तेलबीत व चारा किट, गेहूं के लिए जीवाणु खाद, पशुओं के लिए धातां का चूरा, पशु चाट ईंट, बाई पास फैट व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाया गया। अंत में डा. मनिंदर सिंह बौंस ने इस कैंप में पहुंचे मेहमानों, माहिरों व किसानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सहायक रजिस्ट्रार युद्धवीर सिंह, कृषि विकास अधिकारी माहिलपुर हरप्रीत सिंह,  वैटनरी अधिकारी डा. करनैल सिंह, पूर्व कृषि अधिकारी सुभाष चंद्र, कृषि व किसान कल्याण विभाग गढ़शंकर, मछली पालन व वन विभागों के अधिकारियों, फैप्रो से अरबिंद सिंह धूत, इनोवेटिव फार्मरज एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिंदर सिंह, आम आदमी किसाव विंग के उपाध्यक्ष जसबीर सिंह, जिला परिषद सदस्य गगनदीप सिंह, हरदीप लौंगिया, दलजीत कौर सरपंच बाहोवाल भी मौजूद थे।

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