एक सिगरेट दो सांस कम, एक बीड़ी तीन सांस कम: सिविल सर्जन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़):  युवाओं में बढ़ती धूम्रपान की आदत समाज के लिए बड़ा खतरा बनकर उभर रही है। युवावस्था जीवन की वह अवस्था है जहां व्यक्तिगत विकास की नींव रखी जाती है और इस अवस्था में सिगरेट सहित किसी भी अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करना बहुत हानिकारक हो सकता है। ये विचार सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा ने पंजाब राज्य तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित संकल्प समारोह के दौरान व्यक्त किये।

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इस दौरान सहायक सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनीता कटारिया, जिला डैंटल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शैला मेहता, जिला ऐपीडिमोलाजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह, ऐपीडिमोलाजिस्ट डॉ.शैलेश कुमार, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, डी.पी.एम मुहम्मद आसिफ, जिला बी.सी.सी काआरडीनेटर अमनदीप सिंह, ए.एम.ओ गोपाल सरूप, एच.आई विशाल पुरी और सिविल सर्जन कार्यालय के अन्य कर्मचारी शामिल हुए। इस अवसर पर तंबाकू उत्पादों का उपयोग न करने तथा अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने का संकल्प लिया गया।

डॉ.बलविंदर कुमार ने कहा कि धूम्रपान या किसी भी तंबाकू की आदत को केवल दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्म-प्रतिबद्धता से ही छोड़ा जा सकता है। धूम्रपान या बीड़ी का सेवन करने से न केवल सिगरेट या बीड़ी पीने वाले पर बल्कि आसपास के लोगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, जो सिगरेट या बीड़ी नहीं पीते हैं। इससे न सिर्फ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी बल्कि फेफड़ों और दिल की भी कई खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, धूम्रपान करने वाले के लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘एक सिगरेट दो सांस कम, एक बीड़ी तीन सांस कम’। आप सिगरेट नहीं पीते, सिगरेट आपको पीती है, जिसका परिणाम केवल मृत्यु है।

उनके अनुसार, स्वास्थ्य विभाग, पंजाब द्वारा दी गई थीम मुताबिक अपील की कि आओ सब मिलकर अपने प्राईमरी स्वास्थ्य संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाकर इस विशेष अभियान का हिस्सा बनें।  डॉ.जगदीप ने तंबाकू नियंत्रण अधिनियम के तहत तंबाकू विरोधी कानूनों के बारे में जानकारी साझा की, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना कानूनी अपराध है और उल्लंघन करने वालों पर 200 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोटपा अधिनियम के तहत किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पाद बेचना, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन करना प्रतिबंधित है, इसका उल्लंघन कानूनन दंडनीय अपराध है, जिसके लिए सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है।

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