हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़) , रजनीश शर्मा । बच्चों के व्यक्तित्व विकास को मजबूत बनाती स्काउटिंग, देश के विकास में निभा रही अपना अद्वितीय भूमिका किसी भी राष्ट्र की असली दौलत भौतिक चीजें न होकर उसके नागरिक होते हैं। नागरिकों में बलिदान की भावना कूट-कूटकर भरी होगी, तो देश का विकास होगा। झंडा दिवस पर रजनीश रांगड़ा, जिला आयुक्त (स्काउट) जिला हमीरपुर ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होने कहा कि इसी देश भावना से ओतप्रोत स्काउट और गाइड का आंदोलन बच्चों में देशभक्ति के साथ साथ उनके सामाजिक व आध्यात्मिक विकास पर बल देता है।
स्काउट-गाइड के नियमों का पालन करना हमेशा अनुशासन और प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी चाहते थे कि हिन्दुस्तान के हर घर में अनिवार्य रूप से एक स्काउट एवं गाइड होना चाहिए ताकि नई पीढ़ी को बचपन से ही अच्छे संस्कारों की शिक्षा मिले स्काउटिंग विद्यार्थियों को सेवा और परोपकार को परम धर्म मानकर जीवन में आगे बढ़ने की सीख देता है और उससे विद्यार्थी का ही सर्वांगीण विकास नहीं होता बल्कि इससे राष्ट्र और समाज भी सुदृढ़ होता है।
स्काउट्स एवं गाइड्स एक स्वयंसेवी, गैर-राजनीतिक, शैक्षिक आंदोलन है, जो हर एक नव युवक एवं नवयुवति को बिना किसी भी तरह के रंग, मूल अथवा जाति भेद के मानवता की सेवा करने का मौका प्रदान करता है। इसमें बच्चों से बड़ो तक में उच्च् कोटि की नैतिकता व योग्यता का विकास किया जाता है। स्काउटिंग आन्दोलन के जनक राबर्ट स्टिफैंस स्मिथ बैडन पावेल थे जिन्होंने इसकी शुरुआत 1907 ईस्वी में की थी।
भारत में स्काउटिंग मदन मोहन मालवीय, एनी बेसेंट, पंडित जवाहरलाल नेहरू आदि के प्रयासों से 1909 ईस्वी में आई, लेकिन भारत में इसे बालचर सेवा समिति, बॉयज स्काउट्स एसोसिएशन, हिंदुस्तान स्काउट्स एसोसिएशन, गर्ल गाइड इन इंडिया जैसे अलग-अलग नामों से चलाया जाता था। 7 नवंबर 1950 को इन सभी संगठनों का पूर्ण विलय कर संपूर्ण भारत में भारत स्काउट और गाइड नाम का संगठन बनाया गया इसलिए तभी से सात नवंबर को स्थापना दिवस या झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्काउटिंग और गाइडिंग का उद्देश्य चार गुना है। पहला चरित्र का गठन,दूसरा ध्वनि स्वास्थ्य की आदतों का निर्माण,तीसरा हस्तकला में प्रशिक्षण और उपयोगी कौशल प्राप्त करना और चौथा कुशलता से सेवा की एक उचित भावना की खेती है। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स संस्था बच्चों में अनुशासन और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करती है। संस्था से जुड़े विद्यार्थियों में मानव सेवा की भावना भी उत्पन्न होती है, जो जीवन भर उनके काम आती है। स्काउट और गाइड को यह सिखाया जाता है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इसने विविधता में एकता की भावना तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्काउटिंग से जुड़ने पर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास होता है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों में स्काउट गाइड गतिविधियां संचालित की जानी चाहिए जिससे कि बच्चे ऐसे सुयोग्य नागरिक बन सकें जिनमें एक अच्छा चारित्रिक गुण विकसित हो, जो जिम्मेदारी,भरोसेमंद एवं प्रेम की भावना का प्रतीक बन सके । उनमें पहल और नेतृत्व के विकास के लिए व्यक्तिगत अवसर उपलब्ध हो सकें और वे आत्म-नियंत्रण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे सकें ।